मंडी : बुधवार को छात्र संगठन एसएफआई मण्डी जिला कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन के उस फैसले का विरोध किया है जिसके माध्यम से प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में इक्डोल से शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रो की फीस में 10 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। एसएफआई ने प्रशासन के इस छात्र विरोधी फैसले का विरोध करते हुए इसे तुरंत वापिस लेने की मांग की है।
एसएफआई जिला सचिव रोहित ठाकुर ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय ने शिक्षा को कमाई का साधन बना लिया है, इस वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट ने एक तरफ तो प्रदेश की आम जनता की कमर तोड़ दी है, दूसरी ओर हमारी सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को राहत देने के बजाय लगातार फीस बढ़ोतरी के फरमान जारी कर रहे है। इक्डोल से हम सभी परिचित है ये एक ऐसा शिक्षा केंद्र है जंहा गरीब परिवारों से सम्बंधित छात्र दिन रात मेहनत मजदूरी करके अपनी पढ़ाई करता है। लेकिन अगर सरकार इक्डोल की फीस में 10% की बढ़ोतरी करती है तो इससे इक्डोल में चल रहे सभी कोर्स की फीस बढ़ जाएगी जिससे कही न कहीं एक बहुत बड़ा छात्रो का हिस्सा शिक्षा से महरूम हो जाएगा।
हालांकि माननीय राज्यपाल के द्वारा स्वयं हस्तक्षेप करके सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश भी दिए गए है कि इस महामारी के दौरान सभी शिक्षण संस्थानों में किसी भी प्रकार की फीस बढ़ोतरी नही होगी लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन माननीय राज्यपाल के निर्देशों की अवहेलना करते हुए बार-बार फीस बढ़ोतरी करने पर आमादा है। इसलिए एसएफआई ने सरकार से मांग की है कि इक्डोल में 10% फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव को शीघ्र वापिस लिया जाए और फीस बढोतरी के सम्बंध में माननीय राज्यपाल के आदेशों को लागू किया जाए।