कांगड़ा जिले में वोह घाटी के गांव रुलेहड़ में गत सोमवार को भारी बारिश के कारण मलबे में दबे आखिरी लापता युवक का शव घटना के सातवें दिन रविवार को एनडीआरएफ की टीम ने बरामद कर लिया। पुलिस ने नीरज (18) पुत्र भीम सिंह का शव कब्जे में लेकर पीएचसी दरिणी भेज दिया है। सोमवार को पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
एनडीआरएफ की टीम लगातार लापता युवक की तलाश में जुटी थी। रविवार को पोकलेन मशीन की मदद से वहां से मलबे को हटाया जा रहा था कि इस दौरान युवक का शव तलाश लिया गया। मलबे से 10 शव निकाले गए, जबकि पांच सुरक्षित रेस्क्यू किए गए। इसके साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन भी खत्म हो गया है।
वोह घाटी के गांव रुलेहड़ में भारी बारिश के कारण मलबे में दबे आखिरी लापता युवक का शव मलबे से निकालने के साथ ही भीम सिंह के परिवार की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई। भीम सिंह के बेटे नीरज (18) का शव घटना के सातवें दिन मलबे से निकाल लिया गया। इसके साथ ही एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन भी खत्म हो गया। पिछले सोमवार को हुए प्राकृतिक हादसे में दबे सभी 15 लोगों में से पांच को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि 10 शवों को निकाला गया।
जानकारी के अनुसार भारी भूस्खलन में 15 लोग दब गए थे, जिसमें से पांच लोगों को घायल हालत में निकाल लिया गया था। 10 लोग मलबे में दब गए थे, जिनमें से वीरवार तक नौ लोगों के शव मलबे से निकाल लिए गए थे। सोमवार से ही एनडीआरएफ, पुलिस जवान और जिला प्रशासन के करीब 130 जवान लापता लोगों को ढूंढने में लगे थे।
साथ ही सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग भी लापता लोगों की तलाश में जुटे थे। एसडीएम शाहपुर डॉ. मुरारी लाल ने बताया कि रविवार शाम को नीरज का शव मलबे से बरामद किया गया है। बाकी नौ लोगों के शव बरामद कर उनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
भीम सिंह का पूरा परिवार मलबे की चपेट में आ गया है। अब इनकी एक बेटी बची है, जिसकी करीब एक साल पहले शादी हो गई थी। भीम सिंह के परिवार के पांच लोग इस त्रासदी का शिकार हुए हैं। भूस्खलन में भीम सिंह का पूरा परिवार खत्म हो गया। मगर भीम सिंह ने अपनी जान देकर कई मासूमों की जान बचाई थी।