Himachal VOICE ब्यूरो, जोगिन्दरनगर। शुक्रवार को कैबिनट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के जोगिन्दरनगर आगमन पर स्थानीय विधायक द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाकर इकट्ठा की गई बेरोजगारों की भीड़ की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवालय सदस्य एवं मंडी जिला सचिव कुशाल भारद्वाज ने कड़े शब्दों में निंदा की है।
उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय में जब देश व प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है तथा 42000 से ज्यादा लोग कोरोना के संक्रमण से मृत्यु का ग्रास बन चुके हैं, ऐसे समय में बेतरतीब भीड़ जुटाना व इस भीड़ को एक हॉल के अंदर इकट्ठा करना न केवल गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है, बल्कि जोगिन्दरनगर में अकारण ही संक्रमण के खतरे को भी बढ़ा दिया है।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि किसी का सगा संबंधी गुजर जाता है तो सरकारी आदेश के मुताबिक 20 से ज्यादा लोग एक साथ अंतिम क्रिया में भी हिस्सा नहीं ले सकते, ब्याह शादियों में 50 से अधिक लोगों के जुटने पर पाबंदी है तो फिर राजनीतिक महत्वकांक्षा की खातिर किये गये शक्ति प्रदर्शन के लिए कोई कायदा-कानून नहीं है क्या।
सैंकड़ों लोग यदि सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए जलूस निकालते या नारे लगाते तो भी किसी को आपति नहीं थी, लेकिन जलूस इस तरह से निकाला गया जैसे कोई जलेब निकलती है। इतना ही नहीं, इस बड़ी भीड़ को एक हॉल में इकट्ठा करने से इतना तो तय हो गया कि लोगों को एक स्थान पर इकट्ठा करने के लिए खासी मेहनत की गई थी। उन्होंने कहा कि सता के नशे में असंख्य जिंदगियों की जान के लिए खतरा पैदा करना निश्चित ही निंदनीय है।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि हैरानी तो तब हुई जब ठाकुर महेंद्र सिंह व रामस्वरूप शर्मा जैसे वरिष्ठ व तुजुर्बेकार नेताओं ने भी भीड़ को दूर करने व सोशल डिस्टेंस का पालन करने की नसीहत तक नहीं दी। स्थानीय प्रशासन व पुलिस प्रशासन भी मौन बना रहा।
उन्होंने कहा कि विधायक तो कल एक बयान देकर पल्ला झाड़ लेंगे कि मुझे तो राजनीति का ज्ञान नहीं है और मैं राजनीति करने नहीं बल्कि विकास करने आया हूं, लेकिन सवाल ये उठता है कि मंत्री की यात्रा के बहाने कोरोना के खतरे को बीच शक्ति प्रदर्शन कर भीड़ जुटाना क्या गैर राजनीतिक काम है।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मास्क न लगाने पर जनता को सजा व जुर्माने का प्रावधान है, खुशी गरमी में 50 व 20 से अधिक की संख्या पर बंदिश है लेकिन जिनको अपने बनाए नियमों के पालन के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए, वे ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
आईपीएच में आउटसोर्स के माध्यम से मात्र 3500 रूपये के मासिक वेतन पर आप जोगिन्दरनगर के 60 लोगों को भी भर्ती नहीं करेंगे, लेकिन नौकरी की आस लगाए युवाओं व उनके परिजनों को मंत्री जी के कार्यक्रम के बहाने एक हॉल में बुलाकर अपना शक्ति प्रदर्शन करना जोगिन्दरनगर की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है। आज जुटाई गई भीड़ से जोगिन्दरनगर शहर से ले कर गांवों तक हर कोई कोरोना संक्रमण के संभावित खतरे से आशंकित हैं।