अंकित कुमार।। देश में बेरोजगारी पहले ही अपने चरम पर थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण जो देश में आर्थिक संकट पैदा हुआ है उसने कई अन्य लोगों के रोजगार छिनने का काम किया है। लगभग सभी क्षेत्रों के लोगों की नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है, कई क्षेत्रों में कामगारों की छँटनी की जा रही है और कुछ क्षेत्रों में तो कई लोगों को निकाला भी जा चुका है। इस प्रकार साधारण शब्दों में बात करें तो लगभग हर क्षेत्र के कामगारों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है।
जब बात नौकरियों पर मंडरा रहे संकट की हो ही रही है तो इसमें मीडिया इंडस्ट्री कहाँ पीछे रह सकती है। मीडिया हाउस भी पत्रकारों पर गाज गिराने में पीछे नहीं हैं। बीबीसी हिंदी के एक लेख के अनुसार कई बड़े-बड़े मीडिया हाऊसों ने पत्रकारों को नौकरी से निकाला है। कई मीडिया हाऊसों ने पत्रकारों की छँटनी की है। कुछ पत्रकारों को तत्काल प्रभाव से निकाल दिया गया, तो वहीं कुछ को बिना वेतन की छुट्टियों पर भेज दिया गया, तो वहीं कुछ को 2 महीने का वेतन देकर इस्तीफा मांग लिया गया। वहीं कई जगह पत्रकारों को निकालने के अलावा बाकी पत्रकारों की सैलरी में भी कुछ प्रतिशत की कटौती की गई। इन मीडिया घरानों में समाचार पत्रों से लेकर टीवी चैनल्स सब शामिल है। अधिक जानकारी के लिये आप बीबीसी का वो लेख पढ़ सकते हैं। तो इस प्रकार इस समय मीडिया इंडस्ट्री में भी हज़ारों लोगों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है, इसमें पत्रकार, फोटोग्राफर व अन्य लोग शामिल है।
तो चलिए अब हम अपनी बात भी कर लेते हैं। himachalvoice.in न तो कोई बड़ा मीडिया हाउस है और न ही किसी को हमने अपने यहां नौकरी पर रखा है। इसलिए हमारे यहाँ किसी को निकाले जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। हमारी तो वेबसाइट भी आपसी सहयोग से चलती है और प्रकाशित लेख भी हमारे साथियों के खुद के होते है या फिर जनता द्वारा भेजे होते है।
अगर बात करें लेखक की तो लेखक मंडी जिला से सम्बंध रखने वाले एक छात्र हैं और साथ ही पिछले 2 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र में फ्रीलांसर के तौर पर अपनी सेवाएं भी दे रहे है।