Himachal VOICE ब्यूरो, सिरमौर। स्वच्छ भारत, जहां सोच वहां शौचालय! यह नारा तो आपने बहुत सुना होगा। लेकिन ये हाल जो आप देख रहे हैं ये हाल है हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के सराहां के सार्वजनिक शौचालय का।
वैसे तो सराहां की पहचान हिमाचल निर्माता और हिमाचल के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ० यशवंत सिंह परमार जी की जन्मभूमि और वर्तमान में बीजेपी पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप जी के घरेलू कस्बे के रूप में है और कांग्रेस के गंगू राम मुसाफिर जी जिन्होंने 35 साल तक यहां राज किया वो भी यहीं से अपनी राजनीत चमकाते आए हैं। यह सभी कदावर नेता सराहां से ही संबन्ध रखते हैं।
हैरानी की बात यह भी है कि यहां से एसडीएम कार्यालय मात्र 100 से 200 मीटर की दूरी पर है, परंतु फिर भी इसकी सुध लेने के लिए कोई तैयार नहीं हैं। जहां मोदी जी ने शौचालय को प्राथमिकता दे कर देश भर में इनका निर्माण करवाया और आम जनता की सुविधा का ध्यान रखा। वहीं उनके नाम पर वोट लेने वाले और राजनीति करने वालों से सीधा सवाल यह भी रहता है कि अब इस सबकी दुर्दशा की जिम्मेदारी किसकी है?
इतना टैक्स देने के बाद जनता को बाहर निकल कर इस तरह की सुविधाएं मिल रही हैं। यह सिर्फ यहीं के सार्वजनिक शौचालय का हाल नहीं है, हर जगह सार्वजनिक शौचालयों की यही स्थिति है।
इसके विपरीत बाहर शौच करने पर भारी भरकम जुर्माना भी किया जाता है जो कि सही भी है, परंतु हर तरफ से मार आखिर जनता पर ही क्यों? अगर सुविधाओं की बात की जाती है तो आम जानता को किस प्रकार की सुविधाएं सरकार के द्वारा दी जा रही हैं? आम सुविधाओं के नाम पर वोट लेने वालों के लिए यह एक आईना है।