Himachal VOICE ब्यूरो, जोगिन्दरनगर। हिमाचल किसान सभा ने जोगिन्दरनगर के चौंतड़ा में आज भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ को भारत बचाओ दिवस, मजदूर-किसान मुक्ति आंदोलन दिवस एवं सार्वजनिक उद्यम बचाओ दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में केंद्र व राज्य सरकार की किसान व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए खुले मैदान पर जोरदार प्रदर्शन भी किया। इस अवसर पर किसान सभा के ब्लाक कमेटी के प्रधान रविन्द्र कुमार, केरल सिंह वर्मा, सुदर्शन वालिया, प्रताप चंद, अर्जुन, सुरेश कुमार, महेंद्र सिंह, रूप लाल, अनिल कुमार, सोनू, विनोद कुमार, रामू राम, लछमण, रमेश, विष्णु राम, निशु, चंचला, सकीना, कृष्णा सहित बड़ी संख्या में किसान सभा के कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
इस अवसर पर कुशाल भारद्वाज ने कहा कि कोरोना के दौर में जब जनता संकट में है जनता को लॉकडाउन में डाल कर केंद्र व राज्य सरकार ने अपनी जन विरोधी नीतियों को अनलॉक कर श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलाव, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने व किसान विरोधी अध्यादेश थोंपने, महंगाई थोंपने की मुहिम तेज कर दी है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कोई गंभीर कदम नहीं उठाए और सुस्त रफ्तार से टैस्टिंग हुई, स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रसार नहीं किया और आज देश मे कोरोना वायरस कहर बन कर बरप रहा है। लॉकडाउन के दौरान व उसके बाद मुसीबतजदा लोगों की आर्थिक सहायता व खाद्य सुरक्षा देने के लिए भी कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया। बल्कि पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ाए गये, बिजली, पानी, प्रॉपर्टी टैक्स की दरें बढ़ा कर व बस किराया बढ़ाकर जनता पर और ज्यादा आर्थिक बोझ लाद दिया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश पर तुरंत रोक लगाये, श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तन की प्रक्रिया पर रोक लगाए, किसान विरोधी अध्यादेशों को वापिस ले,मजदूरों को कोरोना काल के पांच महीनों का वेतन दिया जाए, उनकी छंटनी पर रोक लगाई जाए,किसानों की फसलों का उचित दाम दिया जाए, किसानों की कर्ज़ा मुक्ति की जाए ,मनरेगा के तहत दो सौ दिन का रोज़गार व. 600 रूपये दिहाड़ी दी जाए।
अगले 6 महीने तक हर जरूरतमंद परिवार को प्रति व्यक्ति हर महीने दस किलो मुफ्त राशन दिया जाए व 6 महीने तक हर महीने 7500 रुपये की आर्थिक मदद दी की जाए।
उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार कोरोना काल में सभी किसानों का रबी फसल का कर्ज माफ करे व खरीफ फसल के लिए केसीसी जारी करे। किसानों की पूर्ण कर्ज़ माफी की जाए। किसानों को फसल का सी-2 लागत से 50 फीसद अधिक दाम दिया जाए। किसानों के लिए “वन नेशन-वन मार्किट” नहीं बल्कि “वन नेशन-वन एमएसपी” की नीति लागू की जाए।