पूर्व बागवानी मंत्री सत्यप्रकाश ठाकुर उतरे सैंज संघर्ष समिति के समर्थन में, समिति कर रही है गाँवों में मूलभूत सुविधाओं की मांग

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सैंज (महेंद्र सिंह) : एक सप्ताह पहले हमने आपको बताया था कि किस तरह आजादी के 7 दशकों बाद भी जिला कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र की सैंज उप-तहसील के गाढ़ा पारली पंचायत के ज्यादातर गाँव आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। रोमांचक बात तो यह है कि यह इलाका वर्ल्ड हैरिटेज ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के दायरे में है, लेकिन यहाँ के तीन गाँव शुघाड़ा, शाकटी व मरौड़ आज भी बिल्कुल अंधेरे में है, बिजली के पोल तो आ भी गए लेकिन उनको खड़ा नहीं किया जा रहा। यहां न सड़क है, न बिजली, न स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा के नाम पर भी सिर्फ एक प्राइमरी स्कूल। यहाँ के लोगों को आज भी अपने अधिकारों का इंतजार है। 
360 देवी-देवताओं का यह स्थान, जहाँ हर साल हज़ारों श्रद्धालू आते है, लेकिन आज भी यह स्थान सरकारों की अनदेखी का शिकार है। गाँववासियों का कहना है कि जल्द ही सरकार यदि इनकी ओर ध्यान नही देंगी तो यहाँ के लोग आने वाले पंचायत चुनाव में चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
सैन्ज सन्युक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा, सलाहकर नारायण चौहान, मोती राम पालसरा,  गोविन्द सिंह, उपाध्यक्ष बालम कुंद ठाकुर, महा सचिव शेर सिंह नेगी, बुधि सिंह ठाकुर, सुरेश कुमार, संजू वजीर, मोती राम कटवाल, रवि चौहान, लाल दास, रेपति ठाकुर, पवन ठाकुर, जीत राम व मोती राम का कहना है कि यदि सरकार जल्द ही इन गाँव में एम्बुलेंस, सड़क, बिजली और स्कूल का प्रावधान नहीं करती है तो सैन्ज सयुंक्त संघर्ष समिति व 360 देवी-देवताओं के हरियान जल्द ही एक साथ एक बैठक रखने वालें हैं जिस पर शुघाड़ा, शाकटी व मरौड़ गाँव के लोगों को उनके अधिकार मिल सकें और यदि सरकार जल्द ही इन गाँव में सुविधाएं नहीं देती है तो सैन्ज संयुक्त संघर्ष समिति सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगी जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।

पूर्वमंत्री सत्यप्रकाश भी उतरे संघर्ष समिति के पक्ष में

पूर्व बागवानी मंत्री एवं जिला सड़क, परिवहन एवं जनकल्याण समिति के अध्यक्ष सत्यप्रकाश ठाकुर भी सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के समर्थन में उत्तरे है। पूर्व मंत्री ने ठप्प पड़े विकासकार्यों पर चिंता जताते हुए कहा कि इन दुर्गम गांवों में कांग्रेस कार्यकाल में प्राथमिक पाठशाला, मतदान केंद्र, राशन डिपो के अलावा पैदल रास्ते का निर्माण हुआ है लेकिन उसके बाद आज तक इन गांवों की ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। ठाकुर ने संघर्ष समिति का समर्थन करते हुए इन गांवों में सुविधा देने के लिए सरकार से जल्द कदम उठाने की मांग की है।

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