Himachal VOICE ब्यूरो । जोगिन्दरनगर
लॉकडाउन के बाद से जोगिन्दरनगर में आ रहे भारी भरकम बिजली बिलों से हर कोई परेशान है। सरकार व बिजली बोर्ड द्वारा उनकी मांगों को अनसुना करने व बिलों को दुरूस्त करने या सुधार करने में महकमे द्वारा इनकार करने के बाद मझारनू, नेर, कुनडूनी व बस्सी आदि गांवों से अनेक उपभोक्ता आज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एवं हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कुशाल भारद्वाज से मिले तथा उन्हें इंसाफ दिलवाने की गुहार लगाई। बिजली उपभोक्ताओं के इस प्रतिनिधिमंडल में पवन कुमार, बुधि सिंह, ब्यासा देवी, लक्षण, शेर सिंह, गोविन्द आदि भी शामिल रहे।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि उपभोक्ताओं के थमाए गये बिजली बिल असल में मनमाने तरीके से काटे गये हैं। जो किसी को भी स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बिजली बोर्ड के अधिकारियों व सरकार के समक्ष उठाया जाएगा और यदि बिलों को दुरुस्त नहीं किया गया तो उपभोक्ता न तो इतना भारी भरकम पैसा अदा करने में सक्षम हैं और न ही इनकी अदायगी की जाएगी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को राब़हत नहीं दी गई तो किसान सभा सभी उपभोक्ताओं को ला बंद कर आंदोलन को विवश होगी। इसमें धरना प्रदर्शन से लेकर डेरा डालो, घेरा डालो जैसी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के बिल आम तौर पर 200 रू. से 400 रू. तक आते थे, उनको इस बार 18 हजार रू. तक या इससे ज्यादा के बिल थमाए गये हैं। कोरोना के दौर में यह उपभोक्ताओं पर बड़ा आर्थिक हमला है। इस लूट को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि माकपा व किसान सभा इसके लिए हर तरह के संघर्ष को तैयार है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुनडुनी गांव के आईआरडीपी परिवार से संबंधित बुधि सिंह का पिछला सर्वाधिक बिल 400 रूपये था, लेकिन इस बार 18,241 रू. का बिल थमाया गया है। इसी गांव के शेर सिंह का पिछला बिल 800 रू. व नया बिल 25000 रू., मस्त राम का पिछला बिल 900 रू. व नया 7291 रू., निर्मला देवी का पुराना 400 रू. व नया 6182 रू. तथा गोविंद राम का पिछला बिल 280 रूपये जबकि नया बिल 4949 रू. का थमाया गया है।
वहीं नेर गांव के पंजकू राम का पिछला सर्वाधिक बिल 600 रुपये व इस बार 6000 रुपये, सुंदरी देवी का पिछला बिल 400 रुपये व इस बार 7731 रुपये, लच्छमण का पिछला बिल 800 रुपये व नया 9580 रुपये, बीरबल का पुराना 500 रुपये व नया 2160 रुपये, ब्यासा देवी का पुराना 650 रुपये व नया 2250 रुपये, महेन्द्रा कुमारी का पुराना 620 रुपये व नया 12445 रू, लक्षण सिंह थापा का पुराना बिल 2400 व नया 3900 रुपये, राकेश का पुराना 1100 रुपये व नया 2259 रुपये, कविता देवी का पुराना 650 रुपये व नया 3071 रुपये, ख्याली राम का पुराना 600 रुपये व नया 1445 रुपये, खोली राम का पुराना 300 रुपये रव नया 7000 रुपये तथा गोपाल का पुराना बिल 700 रुपये व नया बिल 2200 रुपये काटा गया है।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि जोगिन्दरनगर में 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं को उनके औसत बिलों से कई गुणा ज्यादा बिल थमाए गये हैं। इन बिलों को हर हाल में दुरुस्त किया जाए अन्यथा चौतरफा संघर्ष शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी उपभोक्ताओं को लग रहा है कि गलती से उनको ज्यादा के बिल थमा दिये हैं, लेकिन हकीकत यह भी है कि सरकार ने बिजली दरों में वृद्धि करके संकटग्रस्त जनता की ही जेब में डाका डाला है। जब जनता संकट में है, तो बिजली, पानी, परिवहन सहित तमाम सेवाएं महंगी कर दी गई हैं। ऐसी सरकार किसी भी तरह से जन हितैषी सरकार नहीं हो सकती।
इस अवसर पर पवन कुमार व बुधि सिंह ने बताया कि उनके घरों में न तो बिजली की इतनी खपत होती है और न ही वे इन बिलों की अदायगी करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार तानाशाही ही चलाना चाहती है तो बेशक हमारी बिजली काट दो, लेकिन हम इन बिलों की अदायगी की स्थिति में नहीं हैं।