मनरेगा मजदूरों को 200 दिन का काम दो और 300 रुपये दिहाड़ी दो – भूपेंद्र सिंह

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धर्मपुर : हिमाचल प्रदेश निर्माण व मनरेगा मज़दूर यूनियन धर्मपुर खण्ड कमेटी आगामी 13 जुलाई को पँचायत स्तर पर मांग दिवस मनायेगी। जिसमें मनरेगा मज़दूरों को दो सौ दिन काम और तीन सौ रुपये दैनिक मज़दूरी देने की मांग की जाएगी तथा श्रमिक कल्याण बोर्डों को खत्म करने के निर्णय का विरोध किया जायेगा।प्रदर्शन से पहले यूनियन के पदादिकारी सभी पंचायतों में जन जागरण अभियान चला रही है।जिसके तहत सजाओपीपलु पंचायत के बाद आज चोलथरा पँचायत के सरौंन, चलेहली, मंगलेहड़,हयोड, चमयोलका गांवों में मज़दूरों से जन संपर्क किया गया।आने वाले 15 दिनों में ये अभियान जारी रहेगा।
मनरेगा मज़दूर यूनियन के पँचायत कमेटी चोलथरा के प्रधान करतार सिंह चौहान गरयोह पँचायत के प्रधान रामचन्द ठाकुर व यूनियन के राज्य महासचिव व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि आजकल की परिस्थिति को देखते हुए मनरेगा में साल में कम से कम दो सौ दिन काम मज़दूरों को मिलना चाहिए और मज़दूरी तीन सौ रुपये दैनिक मिलनी चाहिए। लेक़िन वर्त्तमान में औसतन 50-60 ही काम मिल रहा है जिससे किसी भी गरीब परिवार को अपना जीवन यापन करना संभव नहीं है।इसके अलावा मार्च माह में सरकार ने मज़दूरी 205 रु करने की घोषणा की थी लेकिन अधिसूचना 198 रु की ही जारी की गई है जबकि अन्य मज़दूरों को हिमाचल प्रदेश में 275 रु मज़दूरी दी जाती है।
इसलिये यूनियन की मांग है कि ये मज़दूरी तीन सौ रुपये मनरेगा मज़दूरों को दी जानी चाहिए।यूनियन के राज्य महासचिव भूपेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार बीओसीडब्लू एक्ट को खत्म करने जारी है और राज्य श्रमिक कल्याण बोर्डों को भी ख़त्म करने की योजना है।जिससे मज़दूरों को मिलनी वाली सहायता बन्द हो जायेगी। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के श्रमिक कल्याण बोर्ड से मज़दूरों को इंडक्शन हीटर, सोलर लैम्प, साईकिलें, कंबल, वाटर फ़िल्टर, टिफ़िन बॉक्स और डीनर सैट दिए जाते हैं।इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई के लिए 5 हज़ार से लेकर 36 हज़ार रुपये सालाना छात्रवृति,विवाह शादी के लिए 51 हज़ार रुपये, प्रसूति होने पर 25 हज़ार रुपये, बीमारियों के ईलाज के लिए 50 हज़ार से 5 लाख रुपये की सहायता बोर्ड से मिलती है।इसके अलावा मज़दूर की मौत होने पर दो से चार लाख रुपए की सहायता तथा उम्र 60 वर्ष होने पर एक हज़ार रुपये मासिक पेंशन भी दी जाती है।इसलिये इस बोर्ड़ को केंद्र सरकार द्धारा ख़त्म करने का पुरज़ोर विरोध किया जाएगा जिसके लिए मज़दूरों को जागृत करने का अभियान चलाया जा रहा है। 

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