Himachal VOICE ब्यूरो । कोरोना संकट के कारण तमाम गतिविधियों पर लगे विराम के बाद अब धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
हालांकि प्रदेश सरकार ने एक बात तो साफ कर दी है कि जब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती, तब तक छात्रों के जीवन को खतरे में डालने का कोई काम सरकार नहीं करेगी। हालांकि कॉलेज की परीक्षाओं को लेकर सरकार का कहना है कि फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं हर हाल में होंगी। अगर ऑफलाइन संभव नहीं है, तो ऑनलाइन मोड़ को विकल्प के तौर पर रखा है।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इसकी पुष्टि करते कहा कि यूजीसी ने भी इसको लेकर गाइडलाइन जारी की है। लेकिन प्रदेश सरकार ने यह पहले ही तय कर लिया था कि परीक्षाएं ली जाएंगी।
16 अगस्त के बाद प्रदेश के कॉलेजों में फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं होंगी। हालांकि बाकी सेमेस्टर्स के छात्रों को प्रमोट करने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन फाइनल सेमेस्टर के छात्रों को प्रमोट न करने का फैसला लिया गया है, क्योंकि शिक्षा विभाग को लगता है कि कोरोना कभी न कभी खत्म हो जाएगा। लेकिन छात्रों को यह उम्र भर के लिए एक पछतावा जैसा रहेगा कि वे अपनी मेहतन से डिग्री नहीं ले पाए, बल्कि उन्हें प्रमोट किया गया है।