Himachal VOICE ब्यूरो । जब से प्रदेश में बस किराये के अंदर 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई तभी से ये सवाल उठ रहे थे कि सरकार ने किराया बढ़ोतरी का यह फैसला निजी बस ऑपरेटरों के दबाव में लिया है। क्योंकि निजी बस ऑपरेटर घाटा होने की बात करते हुए सड़कों पर बसें उतारने को तैयार नहीं थे और लगातार किराया बढ़ोतरी की माँग कर रहे थे।
उसके बाद 25 प्रतिशत बस किराया तो बढ़ गया, लेकिन निजी बस ऑपरेटर दोबारा कई रूटों पर बसें बंद करने जा रहे हैं। निजी बस एसोसिएशन ने 4 अगस्त से प्रदेश में करीब 100 बस रूट बंद करने का निर्णय लिया है। अभी तक कुल 500 रूटों पर बसें चलती थी। लेकिन अब 100 रूटों पर बसें बन्द होने के बाद केवल 400 रुट ही बचेंगे।
हिमाचल निजी बस ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश पराशर राजू ने कहा कि एसोसिएशन चार अगस्त से प्रदेश में 500 रूटों में से 100 रूटों को बंद करने जा रही है। उन्होंने कहा कि निजी बस ऑपरेटर लगातार घाटे में चल रहे हैं। अगर भविष्य में भी हालात ऐसे ही रहे तो अन्य रूटों पर भी बसें कम की जा सकती हैं।
ग़ौरतलब है कि निजी बस ऑपरेटर 50 फ़ीसदी किराया बढ़ाने की माँग कर रहे थे जबकि सरकार ने केवल 25 फ़ीसदी किराया बढ़ाया था। 25 फ़ीसदी किराया बढ़ाने के बाद बस ऑपरेटर बसें चलाने को तैयार हो गए थे मगर अब तत्कालीन परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से परिवहन मंत्रालय छिनने के बाद उन्होंने यह फ़ैसला किया है।
इस फैसले को लेकर कई तरह के सवाल भी उठना शुरू हो चुके हैं। हालांकि, एसोसिएशन का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि धीरे-धीरे बसों में सवारियां बढ़ेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। निजी बसों में लगातार सफर करने वाले लोगों ने भी पिछले कुछ दिनों से यात्रा करनी बंद कर दी है।