चंबा।। एक पिता अपने बच्चों के लिए क्या कुछ नहीं करता। अपना पेट काट कर बच्चों का पेट भरता है। बच्चों की पढ़ाई हो या कुछ और, किसी भी चीज़ में पिता कोई कसर नहीं छोड़ता। वहीं, अगर वह एक बेटी का पिता हो तो सबसे ज़्यादा चिंता बेटी की शादी की रहती है।
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बेटी की शादी के लिए पिता उम्र भर पाई-पाई इकठ्ठा करता है, ताकि बेटी को खुशहाल जीवन की सौगात दे सके। लेकिन अगर जमापूंजी खो जाए, तो पिता पर क्या गुज़रेगी। ऐसे में पिता को कोई मसीहा मिल जाए, जो उस राशि को लौटा दे। हिमाचल प्रदेश के चंबा में एक ऐसा ही वाकया पेश आया है। शहर के कश्मीरी मोहल्ला निवासी इदरीश मिर्जा ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है।
बेटी की शादी का सामान लेने आए थे बाज़ार
दरअसल, भरमौर निवासी होशियारा राम सोमवार को अपनी बेटी की शादी का सामान लेने बाजार आए थे। इसी दौरान व्यक्ति का बैग डोगरा बाजार के समीप गिर गया। जिसका होशियारा राम को कोई पता नहीं चल पा रहा था। कुछ देर बाद इदरीश मिर्जा अपनी दुकान से बाहर आए और उन्हें एक बैग दुकान के बाहर सड़क पर गिरा दिखा।
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बैग में थे साढ़े 6 लाख रुपये
जब मिर्जा ने बैग को खोलकर देखा तो उसमें साढ़े छह लाख की नकद राशि थी। इदरीश मिर्जा ने बैग को उठाकर अपनी दुकान में रख लिया। कुछ देर बाद होशियारा राम डोगरा बाजार में आया और बैग तलाशने लगा। बैग न मिलने के कारण परेशान था।
वापस लौटाया पैसों से भरा बैग
इसी दौरान इदरीश ने होशियारा राम को दुकान पर बुलाया और परेशानी का कारण पूछा। होशियारा राम ने पूरी बात इदरीश बताई। इसके बाद इदरीश ने पैसों से भरा बैग होशियारा राम के हवाले कर दिया। इदरीश की इस ईमानदारी की पूरे बाजार में प्रशंसा हो रही है।