शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक संसदीय व तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए शनिवार को प्रदेश के कई भागों में मतदान का बहिष्कार हुआ। भरमौर विधानसभा क्षेत्र की बलोठ पंचायत के बूथ एलमी, किलोड पंचायत के कलमला, जगत पंचायत के जगत-2 और कुलेठ पंचायत के कलाह बूथ में ग्रामीण मतदान करने के लिए नहीं पहुंचे। इन क्षेत्रों के लोग सड़क और मोबाइल नेटवर्क न होने से नाराज हैं। राजनेताओं के समक्ष मांगें उठाने पर भी आश्वासन के सिवाय कुछ न मिलने से नाराज ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया।
ग्राम पंचायत दुर्गेठी के गुडेढ़ के पौंटा में दोपहर 12:00 बजे के बाद मौके पर पहुंची भरमौर प्रशासन की टीम के ग्रामीणों को समझाने के बाद ही मतदान प्रक्रिया शुरू हो पाई। एडीएम भरमौर संजय कुमार धीमान ने कहा कि दुर्गेठी के गुडेढ़ के पौंटा में दोपहर 12:00 बजे के बाद मतदान प्रक्रिया शुरू करवाई गई।
वहीं, जनजातीय जिले किन्नौर में परियोजनाओं के निर्माण न करने को लेकर रारंग, जंगी के मतदाताओं ने शनिवार को चुनाव का बहिष्कार किया। इसके अलावा आकपा पंचायत के दो केंद्रों आर्यन और खदुरा में महज छह वोट ही पड़े। उपचुनाव का ग्रामीणों ने पहले ही बहिष्कार करने का एलान किया था। वहीं रामपुर विस क्षेत्र के रुनपू, शरन और खौड़ी गांव के सैकड़ों लोगों ने सड़क सुविधा न मिलने के कारण उपचुनाव का बहिष्कार किया।
वहीं, आनी खंड की कराणा-1 पंचायत के जईगांव वार्ड यानी एक पूरे गांव के मतदाताओं ने चुनाव का पूरी तरह से बहिष्कार किया। वहीं कराणा-1 पंचायत के चार वार्डों से कुल 592 मतों में से केवल 90 मत ही पड़े। कम हुई वोटिंग के पीछे सड़कों का समय पर न बनना मुख्य कारण है।
ननखड़ी तहसील की ग्राम पंचायत कुंगल बाल्टी बूथ नंबर-27 खोड़ी में ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि यहां करीब 250 मतदाता हैं। ग्रामीणों में सड़क सुविधा नहीं मिलने से खासा रोष है। लोगों का कहना है कि सड़क सुविधा नहीं होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।