शिमला: हिमाचल प्रदेश उपचुनाव में करारी हार के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बहुत से लोग ऐसे थे, जो पार्टी के भीतर थे, पर असल में वह भीतर नहीं थे। कुछ लोग टिकट मांग रहे थे। टिकट तो सबको नहीं मिल सकते थे। अब हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। उपचुनाव में कांग्रेस ने महंगाई को बडे़ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि महंगाई केवल हिमाचल प्रदेश में ही नहीं बढ़ी। वह कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे कि कहां क्या कमी रही है। नोटा हार के मार्जन से भी ऊपर चला गया है। यह भी सोचने का विषय है। प्रदेश में चारों सीटों पर हुई भाजपा की हार के बाद मुख्यमंत्री ने ओकओवर शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि जनमत को वह स्वीकार करते हैं।
भाजपा के नेतृत्व ने इस चुनाव को मिलकर लड़ा है। लेकिन परिणाम आशा के अनुरूप नहीं रहे हैं। इससे जो चीजें सीखने को मिली हैं, निश्चित रूप से उस पर विचार करेंगे। वर्ष 2022 के लक्ष्य में कैसे जीता जा सकता है। मंडी में आज तक सबसे कम अंतर वाली जीत रही है। वह इसे स्वीकार करते हैं।
पार्टी ने आगामी समय में क्या करना है, इस बारे में सोचा जाएगा। क्या फैक्टर रहे, उस बारे में मंथन करेंगे। पार्टी के ध्यान में बहुत से विषय भी हैं। वीरभद्र सिंह के गृह क्षेत्र रहे रामपुर में कांग्रेस बड़ी लीड ले गई है। भरमौर और आनी में भी सारी चीजों को देखा गया है। किस सीट में बढ़त मिली है, किस सीट में नहीं मिली है। इन तमाम बातों को जानने के बाद ही आकलन करेंगे।
वहीं, जीत के बाद प्रतिभा सिंह ने कहा कि जनता के आर्शीवाद से यह संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। कहा कि जिस तरह से उपचुनाव में कांग्रेस को समर्थन मिला उससे ऐसा लग रहा है कि जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का मन बना लिया है।
प्रतिभा ने कहा कि उपचुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में हुआ विकास रहा। इसके महंगाई भी एक बड़ा मुद्दा रहा। लोगों में महंगाई को लेकर गुस्सा है और इसका प्रभाव उपचुनाव में दिखा।