शिमला: हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम के कर्मचारियों की तीन श्रेणियों को नियमित करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने अपने निर्णय में कहा कि याचिकाकर्ताओं को पूर्वव्यापी नियमितीकरण का लाभ दिया जाए। अदालत ने केवल कृष्ण और अन्य की विभिन्न याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह निर्णय सुनाया। अदालत ने कहा कि निगम ने अपने कर्मचारियों की 17 श्रेणियों में से 14 को नियमितीकरण का लाभ दिया है।
लेकिन, याचिकाकर्ताओं की तीन श्रेणियों को नियमितीकरण के लाभ से वंचित कर दिया था। अदालत ने कहा कि निगम का यह निर्णय संविधान के अनुछेद 14 का सरासर उल्लंघन है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता श्रेणियों को अन्य श्रेणियों से वर्गीकरण किया जाना कानूनन गलत है। अदालत को विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से बताया गया था कि पब्बर वैली पावर कॉर्पोरेशन और किन्नर कैलाश पावर कॉर्पोरेशन का वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम विलय किया गया था।
17 अप्रैल 2008 को कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों के 463 पद स्थानांतरित किए गए थे। इनमें से किन्नर कैलाश पावर कॉर्पोरेशन के 276 स्वीकृत पद और पब्बर वैली पावर कारपोरेशन के 187 पद शामिल थे। उसे बाद हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम ने अनुबंध आधार पर याचिकाकर्ताओं की तीन श्रेणियों के पद अनुबंध आधार पर भरे। 20 जनवरी 2009 को निगम ने 14 श्रेणियों के 97 कर्मचारियों को नियमित कर दिया।
अदालत को बताया गया कि निगम ने उन सभी कर्मचारियों को नियमित किया है जिन्हें अनुबंध आधार पर नियुक्ति दी गई थी। लेकिन, याचिकाकर्ताओं को नियमितिकरण का लाभ नहीं दिया गया। जबकि, वे नियमितीकरण के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत पूरी योग्यताएं रखते थे। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उन्हें भी वर्ष 2009 के तहत नियमित किए गए कर्मचारियों की तरह ही नियमितीकरण का लाभ दिया जाए।