हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में बारिश से क्षतिग्रस्त हुई अधोसंरचना की बहाली के लिए 165.22 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त जल आपूर्ति योजनाओं के रखरखाव के लिए जल शक्ति विभाग को 74 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को 14.50 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को 3.70 करोड़ रुपये तत्काल राहत देने तथा बागवानी व कृषि विभागों को क्रमवार दो-दो करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा प्रभावित परिवारों को राहत देने और मरम्मत कार्यों के लिए सभी उपायुक्तों को 63.07 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
इसके अतिरिक्त क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत और निर्माण के लिए उपायुक्त कांगड़ा, सोलन और शिमला को 4.95 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं। सुक्खू ने उपायुक्तों और संबंधित विभागों को क्षतिग्रस्त योजनाओं एवं अन्य अधोसंरचना की मरम्मत में तेजी लाने और प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मरम्मत एवं रखरखाव कार्यों तथा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अगले 48 घंटों में भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए सतर्क रहने की भी अपील की। उन्होंने पिछले 12 घंटों के दौरान वर्षाजनित घटनाओं के कारण मंडी और शिमला जिलों में छह लोगों की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को अब प्रतिमाह तीन हजार रुपये
हिमाचल प्रदेश में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को प्रतिमाह अब तीन हजार रुपये मिलेंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को राजपत्र में इसे अधिसूचित किया है। मुख्यमंत्री सहारा योजना के तहत पहले इस योजना में लाभार्थियों को प्रतिमाह दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी, जिसे बढ़ाकर तीन हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया। सहारा योजना के तहत पार्किंसन, कैंसर, अधरंग, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, रीनल फेलियर और स्थायी अपंगता के शिकार मरीज कवर होते हैं।