गांव में एम्बुलेंस योग्य सड़क नहीं, बीमार व्यक्ति को पीठ पर उठाकर पहुंचाना पड़ता है अस्पताल

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बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश से आय दिन कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती हैं। प्रदेश में आज भी सैंकडों गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं। ताज़ा तस्वीरें बिलासपुर जिला के झंडूता विधानसभा क्षेत्र की बरठीं पंचायत के एक गांव से सामने आई हैं।

बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व रिटायर्ड एचएएस अधिकारी देव राज भाटिया जब अपने जनसंपर्क अभियान के तहत यहाँ पहुंचे तो लोगों ने उनके समक्ष यह समस्या रखी। इस गांव में आठ से दस परिवार रहते हैं। जिनका कहना है कि उनके यहां परिवार में कोई सदस्य बीमार होने पर आज भी मरीज को पालकी या पीठ पर उठाकर ही लगभग दो किलोमीटर तक ले जाना पड़ता है।

ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले कुछ सालों से बीडीओ ऑफिस से लेकर विधायक तक से निवेदन करते रहे हैं कि उन्हें और नहीं, तो केवल एम्बुलेंस योग्य सड़क से जोड़ दिया जाए, पर अभी तक किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी। उनका कहना है कि 2015 में उनके घरों को सड़क से जोड़ने के लिए लगभग 90 हजार रुपये खर्च हुए थे। जिसमें दो छोटी पुलियां बनाई जानी बाकी थी।

उनका कहना है कि इस सड़क के लिए जिला पार्षद ने भी तीन लाख रुपये दिए हैं, परंतु इस सड़क पर कोई काम नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत की थी परंतु वहां से भी गोल-मोल उत्तर ही मिला। ग्रामीण राम प्रसाद, करतार सिंह, किशन गोपाल, सुनील, सुरेंद्र कुमार ,देशराज, इंद्रा देवी, शकुंतला देवी व सीतादेवी आदि का कहना है कि गरीब लोगों की सुनने वाला कोई नहीं है।

इस बारे में रिटायर्ड HAS अधिकारी और बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष देव राज भाटिया का कहना है कि सरकार व विभाग द्वारा सड़क का काम करने की बजाए बहाने बनाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिला पार्षद की ओर से सड़क के काम के लिए तीन लाख का बजट भी जारी किया गया है। उन्होंने माँग की है कि बिना किसी देरी के सड़क का काम शुरू किया जाए और जो दो छोटी पुलियां बनाई जानी हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द बनाया जाए।

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