हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली के लिए लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार को विभाग के अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की। मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में भारी बरसात से सड़कों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के साथ भी बैठक कर मनाली-सरचू सड़क मार्ग (Manali Sarchu road) के लिए केंद्र से 48 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाने का आग्रह किया जाएगा। आग्रह किया कि किन्नौर के लिए पुराने हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग सहित चार वैकल्पिक मार्गों पर भी कार्य किया जाएं।
अभी तक प्रदेश में 600 से अधिक सड़क मार्ग बाधित हैं और इन्हें खोलने के लिए दैनिक आधार पर तय लक्ष्यों के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी तीन दिनों में लगभग 550 सड़कों की बहाली का लक्ष्य रखा गया है। वह सभी चार जोन की बारी-बारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक करेंगे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सभी सड़कों पर ड्रेनेज, क्रॉस ड्रेनेज सहित बाधित कलवर्ट खोलने को प्राथमिकता प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि मंडी जिले में मंडी-कमांद-कटौला सड़क, पंडोह-चैलचौक-सुन्दरनगर सड़क पर यातायात सुचारू कर दिया गया है। कुल्लू जिले के लिए पंडोह से कैंची मोड़ तक बीबीएमबी के सहयोग से सड़क निर्मित करने का कार्य जारी है। मंत्री ने कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर, भवारना और नगरोटा मंडल में क्षतिग्रस्त सड़कों की शीघ्र बहाली के भी निर्देश दिए। शिमला जिले के सेब बहुल क्षेत्रों में अधिकांश सड़कें 22 अगस्त तक बहाल करने के निर्देश भी दिए। बैठक में प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता, सीमा सड़क संगठन के कर्नल विशाल गुलेरिया मौजूद रहे।
2,683 किलोमीटर सड़कों के निर्माण पर होगा विशेष ध्यान
बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल बड़ी आपदा के दौर से गुजर रहा है और इसमें लोक निर्माण विभाग को अभी तक लगभग 2,600 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के अंतर्गत प्रदेश की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति प्राप्त होने के बाद लगभग 2,683 किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।