चंबा: इस बार श्रद्धालु वाया कुगति (Kugti) होकर मणिमहेश की यात्रा (Manimahesh Yatra) नहीं कर पाएंगे। कुगति से मणिमहेश (Manimahesh) को जाने वाले रास्ते के बीच में बुद्धिल नाले पर बना लकड़ी का पुल टूट गया है। इस इस नाले को पार नहीं किया जा सकता। हालांकि मणिमहेश की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु हर वर्ष वाया कुगति होकर इसी रास्ते से आवाजाही करते हैं, लेकिन इस बार वाया कुगति होकर मणिमहेश की यात्रा नहीं कर पाएंगे।
प्रशासन या पंचायत की तरफ से अभी तक क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत का कार्य भी शुरू नहीं किया जा सका है। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की है। दो दिन पहले जब यह पुल क्षतिग्रस्त हुआ था तो कुछ किसान भी दूसरी तरफ फंस गए थे जिन्हें स्थानीय लोगों ने रस्सी के जरिए किनारे तक पहुंचाया था।
कुगति के लोगों की उपजाऊ भूमि नाले के दूसरी तरफ भी है जहां पर राजमाह और आलू की बिजाई करते हैं। पुल टूटने की वजह से किसानों को अपनी फसल की चिंता सताने लगी है। फसल को नाले के दूसरी तरफ नहीं पहुंचा सकते।
स्थानीय निवासी राकेश कुमार, दीपक कुमार, तारा चंद, रमेश कुमार, तिलक राज और मनोज कुमार ने बताया कि सात सितंबर से मणिमहेश यात्रा शुरू होने वाली है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु वाया कुगति होकर मणिमहेश की यात्रा (Manimahesh Yatra) करते हैं, लेकिन बुद्धिल नाले में लकड़ी का पुल टूट गया है। उन्होंने भरमौर प्रशासन से मांग की है क्षतिग्रस्त पुल की शीघ्र मरम्मत करवाई जाए।