शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से जहां सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, वहीं करीब दो हजार घर ढह गए हैं। लेकिन इस तबाही के बावजूद भी चाहे आम लोग या सरकारी कर्मी हो, सभी हिम्मत के साथ अपने-अपने फर्ज को निभा रहे हैं। ऐसे ही एक पुलिस कर्मचारी सरकाघाट के हैं, जिनका घर गिर गया लेकिन वह शिमला में आपदा प्रभावित क्षेत्र में अपनी ड्यूटी देते रहे।
पिछले 17 सालों से दिन-रात पुलिस जैसी कठिन सेवा में कार्यरत रहने वाले पुलिस कांस्टेबल अशोक गुलेरिया (Police Constable Ashok Guleria) ने अपनी जीवनभर की पूंजी लगाकर तीन मंजिला मकान बनाया था, जोकि बरसात के कहर से तिनकों की तरह बिखर गया। यही नहीं उनकी गाड़ी भी मलबे में दब कर चकनाचूर हो गई।
ईश्वर का बस यही एक एहसान रहा कि परिवार की जान बच गई। उधर, अशोक के भाई अश्वनी गुलेरिया का मकान भी पूरी तरह से खतरे की जद में है। अशोक ने बताया कि पिछले 30 सालों की कड़ी मेहनत के बाद यह मकान उन्होंने बनाया था और कई सपने संजाए थे, लेकिन कुदरत के आगे सब बौने हैं और सब कुछ बिखर गया है। कहा कि पूरे जीवन की कमाई खत्म हो गई और घर मलबे के ढेर में बदल गया है।
अशोक के दो बच्चे हैं। लेकिन, उनकी हिम्मत इस कद्र है कि वह अपने घर और परिवार से पहले अपने फर्ज को ही अधिक तवज्जो देते हैं। कुदरत की मार ने उन्हें कुछ पल के लिए सोचने के लिए विवश कर दिया। उनके भाई अश्वनी गुलेरिया ने बताया कि अशोक का मकान पूरी तरह से तबाह हो गया है, वहीं, उनके घर को भी खतरा बना हुआ है।