केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कुल्लू प्रवास के दौरान एसपी गौरव सिंह व सीएम सिक्योरिटी में एएसपी रैंक के प्रभारी बृजेश सूद के बीच पनपे विवाद से हर कोई वाकिफ है। इसे लेकर पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने एक्शन भी लिया है और एसपी गौरव सिंह, सीएम सिक्योरिटी इंचार्ज बृजेश सूद और सीएम के पीएसओ बलवंत सिंह को उनके स्थान से हटा दिया गया है।
पुलिस महानिदेशक ने यह भी साफ किया है कि जब तक प्रारंभिक जांच पूरी नहीं कर ली जाती, तब तक आईपीएस गौरव सिंह, बृजेश सूद व बलवंत सिंह अनिवार्य अवकाश पर रहेंगे। घटना के बाद आईपीएस गौरव सिंह का मुख्यालय मंडी रेंज में किया गया है, जबकि बृजेश सूद व बलवंत सिंह का हैड क्वार्टर शिमला किया गया है।
इस सारे घटनाक्रम के बीच एक ऐसी बात भी हुई जो इस थप्पड़ की गूंज में दबकर रह गयी। जैसे ही केंद्रीय मंत्री का काफिला हवाई अड्डा से बाहर निकलने लगा तो सड़क के किनारे फोरलेन प्रभावित किसान भी उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे। प्रभावित लोगों को देख नितिन गडकरी ने अपनी गाड़ी को रोका और खुद उतर कर उनसे मिलने पहुंच गए।
वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी अपने वाहन से उतरकर उन सभी लोगों से मिलने पहुंचे। इस दौरान प्रभावित लोगों ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर भी निराशा व्यक्त की तथा कहा कि उनकी मांगों पर लंबे समय से गौर नहीं किया जा रहा है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द उनकी मांगों पर गौर किया जाए।
इसके बाद जैसे ही नितिन गडकरी वहां से निकले तो लोगों ने ‘हमारा पीएम कैसा हो, गडकरी जैसा हो’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। अभी ये नारे लग ही रहे थे कि इतने में पीछे गौरव सिंह और बृजेश सूद के बीच विवाद हो और ये नारों की गूंज थप्पड़ की गूंज के बीच दबकर रह गयी।
लेकिन इन नारों ने बहुत से सवाल खड़े कर दिए हैं। जब भाजपा सरकार हर छोटे-बड़े कार्यों का प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा लगाकर करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा सबसे आगे रखा जाता है। किसी भी स्तर के चुनाव हो ‘मोदी लहर’ की बात की जाती है। लेकिन कुल्लू में लगे यह नारे कहीं न कहीं इस बात का संकेत जरूर हैं कि अब मोदी लहर का जादू जनता पर कम हो रहा है।