जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज द्वारा अपने जिला परिषद वार्ड की पंचायतों विशेषकर नौहली व बिहूं पंचायतों की विकराल पेय जल समस्या को एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए प्रदेश सरकार, स्थानीय प्रशासन और जलशक्ति विभाग को अपनी तरफ से कई पत्र लिखने के बाद भी बरसों पुरानी पेय जल समस्या के समाधान के लिए गर्मियां शुरू होने से पहले समय रहते सरकार व विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये और जब पानी के लिए हर गाँव में त्राहि-त्राहि मचने पर भी सुनवाई नहीं हुई तो कुशाल भारद्वाज ने स्वयं कमान संभालते हुए कोरोना काल में ही जलशक्ति विभाग के कार्यालय के अंदर धरना देने तथा क्षेत्र की समस्त जनता को लामबंद करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद विभाग ने अधूरे कार्यों को पूरा करने, पानी के लोकल स्त्रोतों का बेहतर इस्तेमाल करने, प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने, तर्क संगत आपूर्ति सुनिश्चित करने, बंद हैंड पम्पों को ठीक करने, फटी पाइपों को बदलने या बेल्डिंग करने के साथ ही खराब मोटर को ठीक करने की कवायद शुरू कर दी।
कुशाल भारद्वाज ने एसडीएम के साथ-साथ जल शक्ति विभाग के उच्चाधिकारियों को भी पत्र लिखा कि जब तक आपूर्ति सुचारु नहीं होती है तब तक टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जहाँ हैंड पम्पों में पर्याप्त पानी है वहां मोटर लगाईं जाए, जहाँ कोई मुरम्मत होनी है उसे तुरंत करवाया जाये तथा कहीं पर गली-सड़ी पाइप बदलने की जरुरत है तो उसे बदला जाए।
इसके बाद विभाग ने मनारु के हैंड पम्प को ठीक करने के लिए टीम भेजी, चल्हारग पंचायत के कमेहड़ में मोटर लगा दी, अन्य हैंड पम्पों का भी निरिक्षण किया तथा चाहब भराडू व सजेहड़ को कदूंद से बंद की गई सप्लाई को बहाल करवाया। इसके साथ ही विभाग के एक्सियन, एसडीओ व जेई ने जिला परिषद सदस्य द्वारा उठाये गये मुद्दों व समस्याओं बारे प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया तथा पूरे फील्ड स्टाफ के साथ बैठक भी की गई।
उल्लेखनीय बात यह है कि कर्फ्यू के कारण जो पचोंडी नाला की पाइप लाईन की मुरम्मत व नई पाइप बिछाने का कार्य रोक दिया गया था, उसे भी युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है।
इससे पहले कुशाल भारद्वाज स्वयं भी दो बार पचोंडी नाला स्कीम और घटासनी स्कीम की साइट पर जा कर जायजा ले चुके हैं। उन्होंने विभाग को सलाह दी थी कि जब कन्यादेवी टैंक तक 3 इंच की पूरी पाइप लाईन नहीं बिछा दी जाती है तब तक पचोंडी नाला के पानी को घटासनी स्थित अढ़ाई इंच की पाइप लाईन में कनेक्ट कर दिया जाए ताकि कन्यादेवी भण्डारण टैंक में इन्हीं गर्मियों में पर्याप्त पानी हर रोज मिल सके। विभाग ने हालांकि ठेकेदार के माध्यम से किये जा रहे कार्य के बाद इसे कनेक्ट कर के ट्रायल बेस पर पानी भी छोड़ दिया था, लेकिन पुरानी पाइपों में कई स्थानों पर बहुत ज्यादा लीकेज की वजह से इसमें विलम्ब हुआ है।
लेकिन दोनों पंचायतों में पानी के लिए मचे हाहाकार और जिला परिषद सदस्य द्वारा इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाने तथा जनता का एक बड़ा आंदोलन छेड़ने की तैयारी के बाद विभाग ने पचोंडी नाला की पाइप लाईन की मुरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि क्षेत्रवासियों को इसी हफ्ते बरसों बाद पहली बार पर्याप्त पानी नसीब होगा।
वहीं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने कहा कि पीने के पानी की समस्या को मैं अभी सिर्फ उजागर ही कर रहा हूं तथा सरकार व विभाग को इसके समाधान के लिए पूरा सहयोग कर रहा हूं। पानी की समस्या इसी साल अचानक आई होती तो शायद हम इसको इतना ज्यादा हाइलाइट भी न करते। लेकिन समस्या तो बरसों पुरानी है। जब पता है कि हर गर्मियों में नौहली, बिहूं समेत जोगिन्दरनगर के बड़े हिस्से में त्राहि-त्राहि मचती है तो फिर समय रहते इंतजाम क्यों नहीं किये जाते हैं। लोग तो अपने-अपने स्तर पर हर दिन ही सरकार व विभाग को समस्या बारे अवगत करवाते रहते हैं। लेकिन उनकी कोई सुनता नहीं है। जब घरों में बर्तन व कपड़े धोने तथा टायलट में फैंकने लायक पानी आना तो दूर की बात, पीने लायक भी पानी न आये और बरसों से लगातार क्षेत्र की अनदेखी हो रही हो तो हम सिर्फ मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकते हैं।
उन्होंने ने कहा कि विभाग के अधिकारी तथा समस्त कर्मचारी इस समय काफी सक्रियता व लगन से समस्या के समाधान के लिए कार्य कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि जल्दी से जल्दी इस विकराल समस्या का समाधान हो जाएगा। यदि इसमें कोई देरी की गई तो हम हजारों किसानों व क्षेत्रवासियों सहित सड़कों पर उतर कर सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन छेड़ देंगे।
कुशाल भारद्वाज ने रणा खड्ड स्थित उठाऊ पेयजल योजना की मोटर बदलने के लिए भी विभाग को लिख दिया है, क्योंकि यह मोटर एक दिन चल कर हांफ जाती है और अकसर खराब हो जाती है। इसके साथ ही जलजीवन मिशन के तहत बनने वाली उठाऊ पेयजल योजना का कार्य जल्दी शुरू करने के लिए भी उन्होंने विभाग को अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे तथा कर्फ्यू व आंशिक लॉकडाउन के बावजूद जलशक्ति विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, अन्य फील्ड कर्मचारी तथा ठेकेदार के वर्कर भी लगातार काम और ड्यूटी कर रहे हैं और इसके लिए मैं उन सबको धन्यवाद करते हुए सलाम भी करता हूँ।