पूर्व मुख्यमंत्री स्व वीरभद्र सिंह ने पहली बार 1962 मे जवाहरलाल नेहरू के वक़्त चुनाव लड़ा था। ये तस्वीर भी आजकल सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोर रही है। जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व काल में कांग्रेस का चुनाव चिन्ह ‘दो बैलों की जोड़ी’ हुआ करता था। यह किसानों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने का संकेत था। लेकिन 1969 में पार्टी विभाजन के बाद चुनाव आयोग ने इस चिन्ह को जब्त कर लिया गया।
विभाजन के बाद कामराज के नेतृत्व वाली पुरानी कांग्रेस को ‘तिरंगे में चरखा’ चुनाव चिन्ह मिला। जबकि नई कांग्रेस को ‘गाय और बछड़े’ का चिन्ह। नई कांग्रेस को ‘गाय और बछड़े’ का चुनाव चिन्ह मिला। 1977 में आपातकाल खत्म होने के बाद चुनाव आयोग ने ‘गाय के बछड़े’ के चिन्ह को भी जब्त कर लिया। उस दौर में हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव हार गई थीं। यही से कांग्रेस के पंजे की शुरुआत हुई थी।