मच्छयाल में गिराए गए पुराने ट्रैफिक ब्रिज की जगह शीघ्र शुरू हो नए पुल का निर्माण कार्य : कुशाल भारद्वाज

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हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष और जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने मच्छयाल में गिराए गए पुराने ट्रैफिक ब्रिज की जगह नए पुल का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने तथा इस समय पर तैयार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुराने पुल को तोड़े 6 महीने से भी ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन लोक निर्माण विभाग ने नए पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है, जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि जो अस्थाई पुल बनाया गया है वह सुरक्षित नहीं है तथा उसमें जो लकड़ी के स्लीपर बिछाए गए हैं वे भी बहुत पुराने हैं। पहले भी उस पुल की लकड़ी टूट गई थी और जिस दिन जलशक्ति मंत्री का क्षेत्र में चुनावी दौरा था, उससे एक दिन पहले ही क्षतिग्रस्त लकड़ी को बदला गया। विभाग को मंत्रियों की सुरक्षा की तो चिंता रहती है लेकिन जो हजारों लोग हर दिन इस पुल से वाहनों में या पैदल आते-जाते हैं उनकी सुरक्षा की कोई चिंता ही नहीं है। 

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि जब से इस अस्थाई पुल पर ट्रैफिक की आवाजाही शुरू हुई है तब से ही मच्छयाल के वाशिंदों व दुकानदारों के अलावा चल्हारग, बल्ह व खुद्दर गांवों के कई घरों में रहने वाले लोगों की बहुत ज्यादा परेशानी बढ़ गई है। जब भी इस पुल के ऊपर से कोई वाहन गुजरता है, तो पुल की लकड़ी से खड़खड़ाहट की इतनी तेज आवाज आती है कि आस- पास रहने वाले लोग, दुकानदार और राहगीर  भी बहुत परेशान हो जाते हैं। हालत यह है कि रातों को सोना भी मुश्किल हो गया है। इस अस्थाई पुल से वाहन के गुजरती बार अचानक से जब बहुत तेज आवाज़ निकलती है तो कई लोग इसकी तीखी आवाज से अचानक से जाग जाते हैं।

उन्होने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश का एक मात्र ऐसा पुल है जिसने एक बड़ी आबादी का दिन का चैन और रात का आराम छीन लिया है। उन्होंने कहा कि कल मैं स्वयं भी जब कुछ जगह राशन और दवाई आदि के वितरण हेतु गया था तो शाम के समय पानी संबंधी समस्या बारे जनता की बात सुनने के लिए बल्ह गाँव में भी गया था। शाम को जब मैं बल्ह गाँव में एक घर के आँगन में बैठा था तो इस पुल से वाहनों के गुजरने के वक्त बहुत ही तीखी आवाज आ रही थी। उन्होंने कहा कि मच्छयाल, बल्ह, चल्हारग और खुद्दर के बहुत से लोग उन्हें बता चुके हैं कि वे कई कई बार घरों में सोये हुए लोग इस तेज आवाज से एक दम डर के मारे उठ जाते हैं तथा उनको ऐसा लगता है जैसे कोई लहासा चला गया हो या फिर मकान ही ढह गया हो। 

उन्होंने कहा कि स्थानीय जनता और दुकानदारों ने कई बार विभाग से गुहार लगाई कि पुल के एंगल आयरन व इसकी लकड़ी को सही से फिट किया जाये तथा नए स्लीपर लगाए जाएँ, ताकि लोगों को चैन से रहने को मिले। लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की है। उन्होंने कहा कि जनता के चैन और आराम को ध्यान में रखते हुए विभाग इस पुल की जरूरी मुरम्मत करे तथा यदि आवश्यक हो तो इसकी सारी पुरानी लकड़ी को भी बदला जाये। उन्होंने कहा कि ऐसा ही पुल जब कई साल तक मझारनू खड्ड के ऊपर था तो वहाँ तो ऐसी कोई आवाज नहीं आती थी। उन्होंने यह भी मांग की कि नए पुल का निर्माण कार्य जल्दी ही युद्ध स्तर पर शुरू कर इसे तय समय के अंदर पूरा किया जाये। 

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि वे इस संबंध में जल्दी ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी मिलेंगे। यदि तुरंत कोई कार्यवाही नहीं हुई तो जनता को साथ लेकर विभाग की लचर कार्यप्राणाली के खिलाफ आंदोलन शुरू कर देंगे। 

इसके अलावा छम्ब-मनारु सड़क का निर्माण कार्य बहुत ही कछुया गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस सड़क के लिए कई गांवों की जनता ने बरसों तक इंतजार किया है तथा इस दौरान सड़क निर्माण करवाने के लिए कई आंदोलन भी किए हैं। लंबे संघर्षों के बाद सड़क का निर्माण कार्य शुरू तो हुआ है लेकिन बहुत ही सुस्त गति से कार्य हो रहा है तथा खुदाई से निकाल रहे मलबे को उठाने के लिए कोई टिप्पर तक नहीं लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस सड़क के निर्माण कार्य को गति प्रदान की जाये, ताकि छाम्ब, बनाह, बनेहरडी, सपैड़ा, अंद्राहलू, बसेहड़, बनोग, मनारू को सड़क सुविधा मिले। इस सड़क के बनने से मंडी व जोगिंदरनगर आने-जाने में भी सुविधा रहेगी तथा समय की भी बचत होगी। 

इसके साथ ही कुफ़री चौरा- नसधरा बटधार सड़क को पक्का करने का काम भी कछुया गति से चल रहा है और पिछले कुछ समय से बंद पड़ा है। उन्होंने मांग की कि बरसात से पहले इस सड़क को पक्का किया जाये।

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