मंडी जिले की सरकाघाट की धनालग पंचायत में मनरेगा कार्य के दौरान खुदाई करते हुए जमीन से 7 फीट नीचे भगवान श्रीराम की एक प्राचीन मूर्ति मिली है। यह मूर्ति 18वीं शताब्दी की बताई जा रही है। पत्थर की बनी यह सुंदर कलाकृति बहुत ही आकर्षक है। इसमें भगवान श्रीराम एक हाथ में धनुष उठाए हुए हैं, तो दूसरे हाथ में तीर पकड़ा हुआ है। यह मूर्ति मंडी रियासत के राजाओं के समय में बनाई बताई जा रही है।
तहसील बल्द्वाड़ा की धनालग पंचायत वैसे भी अपनी ऐतिहासिक पहचान बनाए हुए है। यहां पर राजाओं के समय के 3 प्राचीन मंदिर भी है और यहां राजाओं के गढ़ भी हैं। हालांकि अब यह गढ़ और मंदिर नष्ट हो चुके हैं और इनके अवशेष ही यहां पर दिखाई देते हैं। ऐसे में स्थानीय जनता का मानना है कि भगवान की यह मूर्ति इस काल में जमीन से प्रकट हुई है, जब कोरोना के चलते पूरी मानवता खतरे में है और बहुत ही भयानक दौर में है।
स्थानीय पंचायत प्रधान बेसर सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि मनरेगा कार्य के दौरान जमीन से भगवान श्रीराम की मूर्ति मिली है। उन्होंने कहा कि पंचायत के बुद्धिजीवी लोगों की राय लेकर यह निर्णय लिया जाएगा कि आखिर इस मूर्ति को किस तरह से रखना चाहिए। कहा कि अगर संभव हुआ तो यहां पर भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। वहीं, पुरातत्व विभाग को भी सूचना दे दी गई है।
उधर, हरी चौहान क्यूरेटर स्टेट म्यूजियम शिमला ने बताया कि मूर्ति करीब 1870 की है और उस समय के दौरान राजाओं के द्वारा बनाई गई है। कहा कि अगर पंचायत के द्वारा मूर्ति को संरक्षित नहीं किया जाएगा तो इसे म्यूजियम में शिफ्ट कर दिया जाएगा।