हिमाचल किसान सभा के बैनर तले बुधवार को जोगिन्दरनगर के 100 से अधिक गांवों में तथा भराडू जिला परिषद वार्ड के दूंघा क्षेत्र के कई गाँवों में मांग दिवस मनाया गया। किसान सभा के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने अपने- अपने घरों में हाथों में पोस्टर लेकर सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखीं। इस अवसर पर किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने सिविल अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। चौंतड़ा क्षेत्र में किसान सभा के ब्लॉक अध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत टिकरी मुशैहरा के प्रधान रविन्द्र कुमार ने इन प्रदर्शनों को संचालित किया।
जोगिन्दरनगर के अलावा टिकरी मुशैहरा, पसल, चौंतड़ा, मटरू, बदेहड़, ऐहजू, तलकेहड़, पड़ेन, भडयाड़ा, बाग, कोलंग, भड़ोल, खुड्डी, त्रेंबली, कुठेहड़ा, पिपली, द्रुब्बल, चल्हारग, बबल्ह, मसोली, दारट बगला, भराड़ू, नौहली, बिहूं, कस, कुफ़री, भडवाहण, चुक्कू, द्राहल, खद्दर, भगैर रक्तल, कथौण, हारगुनैण, गुम्मा, रोपा पधर, आदि पंचायतों में भी प्रदर्शन किए गए। कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ताओं ने अपने घरों के पास ही प्रदर्शन किया तथा कहीं भी कर्फ़्यू का उल्लंघन नहीं किया।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार को कृषि विरोधी और किसान विरोधी तीनों कृषि कानून निरस्त कर देने चाहिए तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाया जाये। उन्होने खाद की बढ़ी कीमतों को भी कम करने की मांग की तथा राशन डिपो से मिलने वाले खाने के तेल की कीमत बढ़ाने के सरकार के फैसले की निंदा की।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार कोविड नियंत्रण के लिए गंभीर नहीं हैं। यदि समय रहते सरकार ने अस्पतालों में स्टाफ, औक्सीजन, वेंटिलेटर, बैड, वैकल्पिक कोविड अस्पताल, पीपी किटें, सेनिटाइजर उपलब्ध करवाने के साथ साथ वैक्सीन लगवाने और टेस्टिंग करवाने पर ज़ोर दिया होता तो असंख्य लोगों की जानें बच सकतीं थी।
उन्होने जोगिन्दरनगर और पधर उपमंडल में कोरोना के बढ़ते मामलों व कोरोना से मौत के बढ़ते आंकड़ों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने मांग की कि जोगिन्दरनगर में तुरंत 100 बिस्तरों का एक कोविड अस्पताल स्थापित किया जाये, 24 घंटे ऑक्सीज़न सुनिश्चित की जाये। इसके अलावा हर डिस्पेन्सरी में टेस्टिंग और वैक्सीन के लिए स्पेशल अभियान चलाया जाये। मरीजों को समय पर दवाइयों के साथ-साथ मुफ्त में थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध करवाए जाएँ।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में स्टाफ की भारी कमी है तथा डॉक्टरों, नर्सों व अन्य स्टाफ पर दिन रात काम करने का बहुत ज्यादा बोझ है अतः डाक्टरों, नर्सों, वार्ड ब्वाय, पेरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर रेगुलर भर्ती की जाये। जितने भी कोरोना वारियार हैं उनको महीने का सम्मानजनक इन्सेंटिव दिया जाये। जिन लोगों की महामारी से मौत हुई है उनके परिजनों को कम से कम 5 लाख रूपये राहत राशि के रूप में दिया जाये।
इसके अलावा गैर आकार दाता परिवारों को 6 महीने तक न्यूनतम 10 किलो राशन प्रति व्यक्ति दिया जाये तथा ऐसे परिवारों को 7500 रूपये की मासिक मदद 6 महीने तक की जाये। उपरोक्त मांगों के अलावा विभिन्न गाँवों में किसानों ने पीने के पानी की समस्या, सड़क व रास्ते आदि की समस्याओं को भी उठाया है। इन सब मांगों पर किसान सभा द्वारा अलग-अलग विभागों को ज्ञापन दिये जाएँगे।
कुशाल भारद्वाज ने आगाह किया कि अभी भी गाँवों में चारों तरफ कोरोना फैला हुआ है। बड़े आश्चर्य की बात है कि सरकार ने एकाएक टेस्टिंग कम कर दी है। जिससे लोगों की जब हालत बिगड़ती है तभी वे अस्पताल पहुँच रहे हैं और कोरोना का संक्रमण बिना टेस्टिंग के फैलता ही जा रहा है। यही कारण है कि मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन के साथ-साथ टीकाकरण तथा टेस्टिंग व कांटेक्ट ट्रेसिंग भी जरूरी है। तभी आप इस संक्रमण को रोक सकते हैं।