चार साल से ऑनलाइन स्टडी को लैपटॉप का इंतजार कर रहे होनहारों को ठेंगा

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शिमला।। पिछले डेढ़ साल से घर बैठे लाखों छात्रों को इस साल वर्दी मिल जाएगी। साथ ही दूसरी ओर लैपटॉप का इंतजार कर रहे छात्रों को एक बार फिर से सरकार व विभाग ने ठेंगा दिखा दिया है।

55 करोड़ की वर्दी खरीद करने वाली सरकार मेधावी छात्रों को पिछले तीन साल से लैपटॉप की सुविधा नहीं दे पा रही है, जबकि अभी घर बैठे करीब आठ लाख छात्रों के पास पिछले साल दिए गए वर्दी के दो सैट ऐसे ही पड़े हैं। कोविड की वजह से स्कूल बंद थे, तो इस वजह से छात्रों ने वर्दी का सैट सिलवाया ही नहीं।

उधर, कैबिनेट की बैठक में वर्दी मामले को लेकर चर्चा हुई। उसके बाद सरकार ने 2021-22 सत्र के छात्रों को वर्दी खरीद पर मंजूरी दे दी। बताया जा रहा है कि सितंबर तक छात्रों को घर पर ही वर्दी पहुंचाई जाएंगी। भले ही अभी दसवीं से बारहवीं के छात्र स्कूल आएंगे, लेकिन बाकि कक्षाओं के छात्रों को अभी भी स्कूल बंद किए गए है। ऐसे में वो इतने वर्दी के सैट का क्या करेंगे यह सवाल जरूरत उठता है।

अटल स्कूल योजना के तहत पहली से जमा दो तक के छात्रों को नि:शुल्क वर्दी के साथ ही सिलाई के पैसे भी छात्रों के खाते में डाले जाएंगे। बताया जा रहा है कि सिविल सप्लाई से ही शिक्षा विभाग वर्दी की खरीद करता है।

फिलहाल सवाल यह उठता है कि 2018 से मेधावी छात्र लैपटॉप का इंतजार कर रहे हैं। दसवीं, जमा दो व कालेज के 10 हजार छात्रों को लैपटॉप मिलने है। इनमें से कई छात्र ऐसे भी है, जिन्होंने बड़े-बड़े विवि व कालेजों में दाखिला ले लिया है। ऐसे में ऑनलाइन प्रोजेक्ट वर्क के लिए लैपटॉप की जरूरत महसूस कर रहे है।

बावजूद इसके शिक्षा विभाग व इलेक्ट्रॉनिक कोरपोरेशन में औपचारिकताएं ही पूरी नहीं हुई है। बता दें कि पहले शिक्षा विभाग जूम ऐप पर लैपटॉप खरीद प्रक्रिया को पूरी कर रहा था, लेकिन यह ऐप बैन होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक कोरपोरेशन से ही लैपटॉप खरीद का फैसला लिया। अभी तक प्रदेश के करीब 10 प्रतिशत छात्र ऐसे है, जिनके पास मोबाइल व इंटरनेट सुविधा नहीं मिली है। इस वजह से उनकी पढ़ाई बाधित भी हो रही है।

ऐसे में अब सरकार व शिक्षा विभाग की इस मंशा पर कई सवाल उठने लगे है। अब तो अभिभावक भी कहने लगे है कि जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत छात्रों को इस समय में है, वो नहीं दी जा रही है।

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