अभी तक आप चार महासागर को जानते होंगे। लेकिन, अब धरती को पांचवा महासागर मिल गया है। बता दें कि यह सागर पहले से ही था, लेकिन इसे अब महासागर की मान्यता मिल गई है। नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी ने दी है।
पांचवे महासागर का नाम साउदर्न महासागर है। यह अंटार्कटिका में है। इसके पहले धरती पर चार महासागर थे। अंटलांटिक, प्रशांत, हिंद और आर्कटिक। साउदर्न महासागर के आने के बाद इनकी संख्या 5 हो गई है।
बताया जा रहा है कि पांचवे महासागर में पानी काफी ठंडा है। वहां सिर्फ बर्फीली चट्टानें, हिमखंड और ग्लेशियर हैं।
बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने इसे मान्यता देने के लिए लंबा समय लिया। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी तरह का समझौता नहीं हुआ था।
मान्यता मिलने के बाद अब स्टूडेंट्स अब साउदर्न ओशन के बारे में नई जानकारियां हासिल करेंगे। इसे अलग-अलग देशों की किताबों में शामिल किया जाएगा। बता दें कि अंटार्कटिका को भी नक्शे में साल 1915 में शामिल किया गया था।
हालांकि, एनजीएस ने चारों महासागरों को सीमाओं में बांधा। लेकिन, साउदर्न ओशन किसी महाद्वीप के नाम से नहीं जाना जाएगा। इसके पीछे की वजह बताई जा रही है कि ये अंटार्कटिका सर्कमपोलर करेंट से घिरा हुआ है जो पश्चिम पूर्व की तरफ बहता है।
अंटार्कटिका सर्कमपोलर का निर्माण 3.4 करोड़ साल पहले हुआ था। उस समय दक्षिण अफ्रीका से अंटार्कटिका अलग हुआ था। यह पानी दुनिया के नीचली सतह पर बहता रहता है। आज के समय में इसका पानी पूरी दुनिया के महासागरों में बहता है।