शिक्षा बोर्ड के परिणाम को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले छात्र ने हासिल किए 100 फीसदी अंक

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हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के 10वीं कक्षा के परिणाम घोषित करने के फार्मूले को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले छात्र ने अब 100 फीसदी अंक हासिल किए हैं। छात्र ने 12 जुलाई को बोर्ड की ओर से ली गई विशेष परीक्षा में भी अच्छा स्कोर किया है, जिसके चलते उसने हिंदी विषय में भी शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। अगर छात्र बोर्ड के फार्मूले को कोर्ट में चुनौती न देता तो वह शत-प्रतिशत अंक हासिल करने से वंचित रह जाता।

जानकारी के अनुसार हमीरपुर जिले का एक छात्र ओजस्विन 10वीं कक्षा की परीक्षा के दौरान कोरोना संक्रमित हो गया था। इसके चलते उसे परीक्षा हाल में बैठने की अनुमति नहीं मिली। इस दौरान छात्र ने पीपीई किट पहनकर परीक्षा देने की भी बात कही, लेकिन परीक्षा केंद्र संचालक ने अन्य विद्यार्थियों की सेहत का हवाला देते हुए उसे परीक्षा से वंचित रखा। इसके बाद छात्र ने स्कूल शिक्षा बोर्ड के परीक्षा परिणाम घोषित करने के फार्मूले पर अपनी असंतुष्टि जताई थी और हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

छात्र का तर्क था कि इस फार्मूले के कारण परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करने वाले विद्यार्थियों को सीधे 21 अंकों का नुकसान हो रहा था, जिसके चलते बोर्ड को निर्धारित समय पर परीक्षा परिणाम घोषित करने में दिक्कत पेश आई थी। वहीं शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा के दौरान कोरोना पॉजिटिव छात्रों के लिए 12 जुलाई को विशेष परीक्षा का आयोजन किया था, जिसमें याचिका दायर करने वाले छात्र ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी। अब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से घोषित परिणाम में छात्र ने सभी विषयों में शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। इसके चलते वह छात्र भी 700 में 700 अंक लेने वाले होनहारों में शामिल हो गया है।

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