शिमला: पांच साल की मासूम को उठा ले गया तेंदुआ, जंगल में मिला शव

0
44

राजधानी शिमला के कनलोग इलाके में बने मजदूरों के एक ढारे से गुरुवार देर रात तेंदुआ एक पांच साल की बच्ची को उठा ले गया। देर रात तक बच्ची की तलाश की गई। हालांकि देर रात वन्यजीव विभाग को लड़की के कुछ कपड़े मिले थे। कुछ एक जगह से खून के धब्बे भी मिले थे। शुक्रवार सुबह फिर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान बच्ची का सिर और शरीर के कुछ अंग मिले हैं।

कनलोग की पार्षद बृज सूद ने बताया कि साथ लगते जंगल से बच्ची का सिर और शरीर के कुछ अंग मिले हैं। वन्य जीव विभाग के डीएफओ कृष्ण कुमार ने बताया कि पूरे क्षेत्र में अलर्ट कर दिया गया है, तेंदुआ अब आदमखोर बन गया है। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन्यजीव विभाग ने पिंजरा भी लगा दिया है।

वहीं मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्ची की मां बेसुध पड़ी है। बच्ची की दादी ने बताया कि रात को बच्चे ढारे के बाहर खेल रहे थे। अचानक उनका ढाई साल का पोता चिल्लाया। जब तक बाहर निकलकर देखा तो तेंदुआ बच्ची को उठाकर जंगल की तरफ भाग चुका था।

आदमखोर तेंदुए को लेकर क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है। लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। फिलहाल पुलिस और  वन्यजीव विभाग की टीम मिलकर जांच में जुटी हुई है।

शहर के कनलोग में कई बार तेंदुआ रिहायशी इलाके में घूमता रहा है। लोअर कनलोग में तेंदुआ बीते साल भी कई बार भवनों के बीच घूमता देखा गया था। अब ताजा घटना से लोग दहशत में आ गए हैं। 

शहर के बाकी रिहायशी इलाकों में कई बार तेंदुआ दस्तक दे चुका है। विकासनगर, नवबहार में दर्जनों लावारिस कुत्तों को तेंदुआ अपना शिकार बना चुका है। खलीनी, कनलोग में कई बार तेंदुआ लोगों पर भी झपट चुका है।

शहर में रिहायशी इलाके में तेंदुए के घूमने की घटनाएं सीसीटीवी में भी कैद होती रही हैं। वन्यजीव विभाग का कहना है कि जंगल के साथ लगते रिहायशी इलाकों में तेंदुओं के आने का खतरा ज्यादा है। ऐसे में लोग खिड़की दरवाजे बंद करके रखें। शहर में स्मार्ट सिटी समेत बाकी निर्माण कार्यों में लगे सैकड़ों मजदूर परिवार सड़क किनारे बने कच्चे ढारों में रहने को मजबूर हैं। तेंदुए का सबसे ज्यादा खतरा इन्हीं परिवारों को है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here