शिमला : बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का घेराव, लगाए गो बैक के नारे

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हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के पराला फल मंडी के दौरे के दौरान ठियोग पहुंचते ही किसानों-बागवानों ने उनका घेराव किया और गो बैक के नारे लगाए। इस दौरान कुछ समय के लिए एनएच-5 पर जाम की स्थिति पैदा हो गई।

शुक्रवार को किसान संगठन के कार्यकर्ता ठियोग में बैठक कर रहे थे और बागवानी मंत्री पराला मंडी का दौरा करने आ रहे थे। जैसे ही संयुक्त किसान संगठन के सदस्यों को यह सूचना मिली तो मंत्री के पराला पहुंचते ही वे सरकारी वाहन के सामने आ गए और मंत्री के खिलाफ गो बैक के नारे लगाने लगे। इस दौरान स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बागबानी मंत्री अपने वाहन से नीचे नहीं उतरे। सड़क पर काफी समय तक नारेबाजी हुई और प्रदर्शनकारियों तथा पुलिस जवानों के बीचे धक्कामुक्की चलती रही।

चौपाल के विधायक बलवीर सिंह वर्मा भी इस दौरान काफिले में उनके साथ शामिल थे। दोनों ने जब बीच बचाव किया तो प्रदर्शनकारी कुछ शांत हुए। स्थानीय प्रशासन की ओर से स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शिमला से क्यूआरटी के जवानों को बुलाना पड़ा और भीड़ को शांत किया गया। किसान प्रदर्शन के बाद बागवानी मंत्री से बातचीत को तैयार हुए। मंत्री को कड़ी सुरक्षा के बीच ठियोग लोक निर्माण विभाग के विश्रामगृह लाया गया, जहां किसान संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत हुई।

बातचीत के दौरान किसान संगठन की ओर से संजय चौहान, हरीश चौहान, सोहन ठाकुर, बालकृष्ण बाली, संदीप वर्मा, महेंद्र वर्मा, सुरेश वर्मा, राजेंद्र चौहान सहित अन्य शामिल थे। करीब दो घंटे की बातचीत के बाद प्रदर्शनकारियों को शांत किया गया। सेब के गिरते दामों को लेकर मंत्री के बयानों से बागवान खफा थे।

इसके बाद बैठक में बागवानी मंत्री के सामने किसानों-बागवानों ने अपनी समस्याओं को रखा। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार इस मसले को हल करने का प्रयास कर रही है और जिस तरह से बागवानों से उन्हें व्यापारियों और निजी कंपनियों के खिलाफ कुछ शिकायतें मिली हैं, उन्हें जल्द हल करने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने बागवानी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हिमाचल में जितने भी सीए स्टोर हैं, उसमें 25 प्रतिशत चैंबर स्थानीय बागवानों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। फल मंडियों में लोडिंग, अनलोडिंग के तय रेट से अधिक पैसा वसूलने पर आढ़ती के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बागवानों को कश्मीर की तर्ज पर मंडी मध्यस्थता योजना को लागू करने की मांग पर भी विचार करने का आश्वासन दिया। 

सेब पर सियासत गर्माने लगी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि जुब्बल-कोटखाई विधानसभा और मंडी लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव की वजह से कांग्रेस सेब पर सियासत कर रही है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश में बागवानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है, जबकि जयराम सरकार बागवानों के हित में लगातार कार्य कर रही है। कांग्रेस की सरकार ने पिछले 5 साल में केवल 50 पैसे सेब समर्थन मूल्य बढ़ाया। जबकि भाजपा सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में ही इसे 2.50 रुपये तक बढ़ा दिया।

कोरोना टीकाकरण में हिमाचल का अव्वल रहना भी उन्हें हजम नहीं हो रहा। 6 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल की इस बड़ी उपलब्धि को लेकर जनता से संवाद करने जा रहे है। भाजपा इस दिन हर विधानसभा क्षेत्र में 2-2 कार्यक्रम करेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के कार्यक्रम में जिस प्रकार से जनता की भीड़ आ रही है। उससे कांग्रेस घबरा गई हैं। परिवारवाद से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर चार बार से सांसद हैं और उन्होंने अपनी मेहनत से मकाम हासिल किया है। जबकि कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद गांधी परिवार के लिए ही आरक्षित है। 

बागवानी मंत्री के क्रेट में सेब बेचने के बयान से भाजपा ने किनारा कर लिया है। प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य प्रवक्ता से बयान को लेकर सवाल किया गया तो वह जवाब देने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि यह बयान मंत्री ने दिया है और उनसे ही इस पर प्रतिक्रिया ली जानी चाहिए। वहीं, देशभर में प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बदलने के सवाल पर कहा कि भाजपा में काबिलियत देखी जाती है न कि कांग्रेस की तरह परिवार को बढ़ावा दिया जाता है। 

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