मंडी।। अफगानिस्तान में फंसे हिमाचल के दूसरे बेटे राहुल बराड़ी ने अपने पैतृक स्थान सरकाघाट पहुंचने के बाद राहत की सांस ली। तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद वह अफगानिस्तान में फंस गया था।
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राहुल अफगानिस्तान में एक अमेरिकी कंपनी में सुरक्षा गार्ड के तौर पर कार्यरत था। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही वह अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। लोगों की पीड़ा को याद करते हुए राहुल ने कहा कि सड़कों पर अराजक दृश्य थे और लोग अफगानिस्तान से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करते नजर आए।
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अपनी आपबीती के बारे में बताते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें अन्य भारतीयों के साथ 10 वाहनों में हवाई अड्डे तक पहुंचाया गया, जिन्हें तालिबान सुरक्षा गार्डों द्वारा सुरक्षित रखा गया था। हमें तालिबान लड़ाकों के हाथों मौत का डर था, लेकिन उन्होंने हमें नुकसान नहीं पहुंचाया। पांच दिनों के संघर्ष के बाद, हमें हवाई अड्डे पर पहुँचाया गया और हमने राहत की सांस ली।
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राहुल ने कहा कि अमेरिकी कंपनी ने हमें दुबई पहुंचने में मदद की, जहां से हम लंदन पहुंचे। लंदन से मैं नई दिल्ली आया। राहुल ने कहा, “मैं अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों से मिलकर खुश हूं, जो मेरी सुरक्षित भारत वापसी को लेकर चिंतित थे।” राहुल के परिवार और रिश्तेदारों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए राज्य और केंद्र सरकारों को धन्यवाद दिया।
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राहुल के पिता बलवंत बराड़ी ने कहा कि हम सीएम जय राम ठाकुर और केंद्र सरकार के शुक्रगुजार हैं कि मेरा बेटा सुरक्षित घर लौट आया है। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा उपहार है।
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