शिमला: हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। किन्नौर जिले के पूह खंड में रविवार रात करीब 9:00 बजे थौंगपेत गारंग नाला के पास अचानक भूस्खलन हो गया। इसकी चपेट में आने से नेपाली मूल के एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दो महिलाएं घायल हो गई हैं। रामपुर बुशहर के दुर्गम क्षेत्र 15/20 के सुरू के पांगीधार में पहाड़ी दरकने से 11 भेड़ों की मौत हो गई है जबकि दर्जनों लापता हैं। भेड़ पालकों ने भी भागकर अपनी जान बचाई।
वहीं, नेशनल हाईवे-5 पर उरनी में पहाड़ से चट्टानें गिरने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। इस वजह से वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है। निगुलसरी में भी भूस्खलन से दो घंटे तक एनएच पर आवाजाही ठप रही।
पागल नाले में सुबह के समय जलस्तर बढ़ने से एनएच करीब एक घंटा बंद रहा। कुल्लू और लाहौल जिला के रोहतांग दर्रा, बारालाचा और कुंजुम दर्रा में ताजा बर्फबारी व भूस्खलन से मनाली-लेह मार्ग अवरुद्ध हो गया है। सोमवार सुबह ग्रांफू-काजा मार्ग के डोहरनी के समीप चट्टानें गिरने से नेशनल हाईवे-505 भी ठप रहा। एचआरटीसी ने लेह के लिए बस सेवा बंद कर दी है। मंडी के वरधान में भूस्खलन से घटासनी-बरोट मार्ग सुबह 6:00 बजे से 12:00 बजे तक बंद रहा। इससे किसान, बागवान, शिक्षक और कर्मचारी बीच रास्ते में फंसे रहे।
कांगड़ा के थुरल की बटाहण पंचायत के कोतवाल लाहड़ गांव में रिहायशी मकान का एक हिस्सा गिर गया। घटना के वक्त घर के अंदर बुजुर्ग महिला सो रही थी, जो बाल-बाल बच गई। लगातार बारिश से बागवान भी चिंतित हैं। बीते तीन दिनों से कुल्लू जिला में सेब तुड़ान रुकने से सप्लाई प्रभावित हो गई है।
मंगलवार को भी प्रदेश के मैदानी और मध्य पर्वतीय दस जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 18 सितंबर तक प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।