हिमाचल वॉइस डेस्क: आईपीएस सिमाला प्रसाद एक साहसी पुलिस अफसर के रूप में जानी जाती हैं। अपराधी उनके नाम से खौफ खाते हैं। मध्य प्रदेश के डिंडौरी में जब उनकी पोस्टिंग थी तो उन्होंने अलग पहचान बनाई और नक्सल प्रभावित इस इलाके में अपनी धमक बना दी थी। फिलहाल मध्य प्रदेश के बैतुल में एसपी के पद पर कार्यरत हैं।
यह भी पढ़ें: हिमाचल की बेटी सिंगापुर की कंपनी में बनी प्रमुख, प्रदेश का नाम किया रोशन
पीएससी परीक्षा पास करने के बाद सिमाला प्रसाद की पहली पोस्टिंग डीएसपी के तौर पर हुई थी। इसी दौरान उन्होंने UPSC एग्जाम की तैयारी की और प्रथम प्रयास में ही सफलता हासिल की। सिमाला बिना कोचिंग का सहारा लिए खुद से तैयारी कर यह मुकाम हासिल किया।
सिमाला प्रसाद कहती हैं, कि सिविल सर्विस में जाने का मैने कभी नही सोचा था, लेकिन घर के माहौल से मुझे आईपीएस बनने की चाहत हुई। और मैंने सोचा कि देश की सेवा के लिए इससे अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं हो सकता।
यह भी पढ़ें: बेटी का जलवा: Amazon कंपनी से 1.10 करोड़ के सैलरी पैकेज का मिला दिवाली गिफ्ट
सिमाला प्रसाद बचपन से ही डांस और एक्टिंग में शौक रखती थी। स्कूल और कॉलेज के समय में उन्होंने कई नाटकों में काम किया था। सिमाला प्रसाद का जन्म 8 अक्टूबर 1980 भोपाल में हुआ। सिमाला प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा सेंट जोसफ कोएड स्कूल में हुई।
इसके बाद उन्होंने स्टूडेंट फॉर एक्सीलेंस से बीकॉम और बीयू से पीजी करके पीएससी (PSC) परीक्षा पास की। सिमाला प्रसाद गोल्ड मेडलिस्ट भी रही हैं। सिमाला प्रसाद के पिता डॉ भागीरथ प्रसाद पूर्व आईपीएस और सांसद रह चुके हैं। उनकी मां मेहरुन्निसा परवेज जानी-मानी साहित्यकार हैं, जिन्हें पद्मश्री अवार्ड भी मिला है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: बेटी का 1.09 करोड़ का पैकेज बना माता-पिता का ‘दिवाली गिफ्ट’
फिल्म निर्देशक जैगम इमाम की दिल्ली में सिमाला प्रसाद से मुलाकात हुई। उन्होंने सिमाला की सादगी और खूबसूरती देखकर अपनी फिल्म ‘अलिफ’ में काम करने का ऑफर किया। यह फिल्म नवंबर 2016 में ऑस्ट्रेलिया में इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ क्वींसलैंड में बतौर वर्ल्ड प्रीमियर प्रदर्शित हुई और फरवरी 2017 में रिलीज हुई। इसके बाद वर्ष 2019 में फिल्म ‘नक्काश’ में पत्रकार का रोल किया।
सिमाला प्रसाद ने एक इंटरव्यू में बताया था की डायरेक्टर जैगम इमाम ने जब फिल्म ‘अलिफ’ की स्टोरी सुनाई तो मुझे लगा कि लोगों में अवेयरनेस लाने के लिए फिल्म में काम करना चाहिए, और मैं मना नहीं कर पाई। इस फिल्म में मदरसे से स्कूल तक की कहानी को दिखाया गया था।