कुल्लू: कुल्लू जिला का मलाणा गांव देश-दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखता है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इस गांव में विश्व का सबसे पुराना लोकतंत्र है। देवता जमलू (जमदग्नि ऋषि) की आज्ञा की बिना इस गांव में कोई भी कार्य नहीं होता है। अभी कुल्लू का यह मलाणा गांव एक बार फिर चर्चा में है।
दैनिक जागरण में छपी एक खबर के अनुसार, विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र मलाणा गांव में अन्य राज्यों के साथ-साथ हिमाचल के चंबा जिले के लोग रात्रि ठहराव नहीं कर पाएंगे। इस खबर में पंचायत के प्रधान राजूराम व पूर्व प्रधान भागीराम का बयान भी छपा है।
बता दें कि देवता जमलू (जमदग्नि ऋषि) ने शनिवार को गांव में हुई देउली (बैठक) में पुजारी के माध्यम से यह नए आदेश जारी किए हैं। देववाणी में कहा है कि गांव में मजदूरी करने के अलावा अन्य विभिन्न कार्यों के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से लोग यहां आते हैं तो चंबा को छोड़कर हिमाचल के सभी 11 जिलों के लोग गांव में किराये पर कमरा लेकर रह सकते हैं। पर्यटकों की तरह चंबा के लोगों को भी गांव से करीब एक किलोमीटर दूर अपने रात्रि ठहराव की व्यवस्था करनी होगी।
देवता की ओर से जारी किए गए नए आदेश के बाद ग्रामीणों ने इस देव आदेश को भी सख्ती से निभाने को लेकर हामी भरी। मलाणा गांव में देवता जमलू ने चार दिन पहले ही गांव में शराबबंदी व चिकन-अंडा न खाने व बेचने के कानून लागू किए थे। अब शनिवार को देवता ने एक और नया आदेश लागू किया है।
पंचायत के प्रधान राजूराम व पूर्व प्रधान भागीराम ने बताया कि देवता की ओर से अब नए कानून लागू किए हैं जिनका ग्रामीण सख्ती से पालन होगा। अवहेलना करने वाले को जुर्माना होगा, जुर्माना न भरने की स्थिति में हुक्का पानी बंद किया जाएगा। यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू रहेंगे।
मलाणा गांव में आज भी देवता जमलू के आदेश का ही पालन होता है। देवता गांव की शासन व्यवस्था पर नियंत्रण बनाए रखते हैं और अपराध पर सजा भी देते हैं। गांव के लोग अपनी संस्कृति, रिति रिवाजों, प्राचीन परंपराओं को आज भी सहेज कर रखे हुए हैं।