शिमला: राजधानी शिमला के रिहायशी इलाकों में आकर मासूम बच्चों को अपना शिकार बना रहा तेंदुआ पकड़ने के लिए लगाए पिंजरों के गेट के पास से वापस लौट गया। इसने पिंजरे में रखा मांस देखा और पिंजरे के चारों ओर घूमने के बाद वापस चला गया।
यहां पिंजरा कनलोग के साथ लगते जंगल में लगाया गया है। पिंजरे के आसपास तेंदुए की मूवमेंट हुई है या नहीं, इसके लिए पिंजरे के बाहर ताजी नरम मिटटी बिछाई है। वन विभाग के अनुसार रात को तेंदुआ यहां आया था। पिंजरे के बाहर जो मिट्टी बिछी थी सुबह वहां तेंदुए के पंजों के कई निशान मिले हैं। यह निशान काफी बड़े हैं। विभाग ने इसके निशान सुबूत के तौर पर रख लिए हैं।
पंजों के बड़े निशान देखकर माना जा रहा है कि यह बड़ा तेंदुआ है। वन विभाग के अनुसार तेंदुए और कुत्तों के पंजों के निशान अलग होते हैं। ऐसे में बड़े पंजे के यह निशान तेंदुए के ही हैं। वन विभाग तेंदुए को पकड़ने के अभियान के तहत इसे एक छोटी कामयाबी मान रहा है। विभाग का कहना है कि तेंदुए ने अपना शिकार देख लिया है।
ऐसे में यह यहां जरूर आएगा। विभाग की टीम ने वीरवार को इस पिंजरे को और बेहतर तरीके से लगाया है। उम्मीद जताई जा रही है कि एक दो दिन के भीतर तेंदुआ पकड़ में आ जाएगा। इसलिए इसे अभी मारने या आदमखोर घोषित करने पर भी फैसला टाल दिया है। विभाग का कहना है कि अभी तेंदुए को जिंदा पकड़ने के ही प्रयास हैं।
पीसीसीएफ अजय श्रीवास्तव ने बताया कि तेंदुए की मूवमेंट पिंजरे के बाहर मिली है। इसके पंजे के निशान मिले हैं। तेंदुआ यहां आया था लेकिन यह पिंजरे के अंदर नहीं गया। उम्मीद है अब जल्द ही यह पकड़ में आ सकेगा। विभाग ने जंगल में कई जगह कैमरे और पिंजरे लगा रखे हैं।