शिमला: हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को धनतेरस के दिन आए उपचुनावों के नतीजों से कांग्रेस की दिवाली हो गई है। बड़ा उलटफेर करते हुए कांग्रेस ने मंडी संसदीय सीट समेत अर्की, जुब्बल-कोटखाई और फतेहपुर विधानसभा सीटों पर जीत का चौका लगाया है।
पहली बार इतने बड़े उपचुनाव में सत्ता में रहते हुए भाजपा चारों सीटें हार गई है। जुब्बल-कोटखाई में तो भाजपा प्रत्याशी नीलम सरैईक जमानत तक नहीं बचा पाई हैं। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे उपचुनाव के नतीजों ने भाजपा नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी है। वहीं, कांग्रेस को इन नतीजों से संजीवनी मिल गई है।
भितरघात, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे इतने हावी हो गए कि जगह-जगह 68 चुनावी जनसभाएं करने के बावजूद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर गृह लोकसभा क्षेत्र मंडी की सीट को भी नहीं बचा पाए। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने 369565 मतों के साथ जीत दर्ज की है। निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के ब्रिगेडियर कुशाल चंद ठाकुर को 362075 वोट पड़े।
कुल 17 विधानसभा सीटों में से नौ पर कांग्रेस का पंजा बुलंद रहा जबकि आठ सीटें ही भाजपा की झोली में आईं। 12661 लोगों ने प्रत्याशियों की बजाय यहां नोटा के बटन दबाकर अपनी असंतुष्टि जाहिर की। यह सीट भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन से खाली हुई थी।
मंडी संसदीय सीट के अलावा फतेहपुर विधानसभा सीट से भवानी सिंह पठानिया, अर्की से संजय अवस्थी और जुब्बल-कोटखाई से रोहित ठाकुर ने जीत दर्ज की है।