मंडी: महिला डाकिया ने तीन साल से डाक ही नहीं बांटी

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मंडी: 1029 आधार कार्ड, ढाई हजार से अधिक स्पीड पोस्ट, कॉल लेटर, एलआई रसीद बुक, चेक बुक, प्रमाण पत्र और भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज तीन बोरियों में भरकर रखे गए थे। यह सब हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सरकाघाट के तहत बस्थला गांव में पति को आत्महत्या के लिए उकसाने वाली डाक विभाग में बतौर डाकिया तैनात ऊषा के घर में मिला है।

ऊषा पर उसके सुसरालियों और ग्रामीणों ने कई आरोप लगाए हैं। पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में महिला जेल में है। ससुर मेहर चंद और जेठ संजय कुमार ने बताया कि आरोपी महिला के कारण न सिर्फ उसका पति आत्महत्या करने को मजबूर हुआ, बल्कि उसकी वजह से कई लोगों की जिंदगियां भी बर्बाद हुई हैं। उनका कहना है कि महिला ने अपनी ड्यूटी ढंग से नहीं की और समय पर लोगों के कॉल लेटर, प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रियां, पोस्ट, रसीद आदि उन तक नहीं पहुंच पाए। 

महिला के पास से हजारों जरूरी कागजात मिले हैं, जो लोगों तक समय से नहीं पहुंच पाए हैं। वह 2014 से लेकर अब तक 14 स्टेशन बदल चुकी थी। इनमें नबाही, चोलथरा, रखोह, सरकाघाट, बेहना, बलद्वाड़ा, गोपालपुर, नरोला आदि जगहों पर यह तैनात हो चुकी थी। महिला के घर से मिले कई दस्तावेज तो खराब हो चुके हैं।

सरकाघाट डाकघर के निरीक्षक आशीष कुमार ने कहा कि महिला कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है, जो डाक के दस्तावेज उसने अपने पास जमा कर रखे थे, उनकी जिम्मेदारी उसी कर्मचारी की है। लेकिन हम सभी दस्तावेज लोगों तक पहुंचाएंगे।

एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि मृतक के परिजन उनसे मिलने पहुंचे थे, जिन्हें मुख्य डाकपाल के पास भेजा गया था। यदि डाक विभाग को महिला के कार्य में किसी तरह की जांच चाहिए तो वह पुलिस की मदद ले सकता है। फिलहाल पुलिस ने आत्महत्या का मामला ही दर्ज किया है। जिसकी जांच चल रही है।

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