सिरमौर: गर्मियों का मौसम आते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है। शरारती तत्व इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने से पहले एक बार भी नहीं सोचते कि उनकी इस हरकत से वन संपदा को कितना नुकसान होगा। उनकी यह हरकत कितने पशुओं-पक्षियों, जीव-जंतुओं, तो कभी इंसानों की मौत का कारण बनेगी।
हिमाचल के सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में एक ऐसा ही दर्दनाक हादसा सामने आया है। जहां जंगल में लगी आग को बुझाने के दौरान एक वनकर्मी की मौत हो गई। नाजुक हालत में वनकर्मी को उत्तराखंड के निजी अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन वहां वनकर्मी ने उपचार से पूर्व ही दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि फॉरेस्ट रेंज कफोटा के तहत जामना बीट में तैनात वनकर्मी कल्याण सिंह पुत्र मेहर सिंह, निवासी कांडों की ड्यूटी पर तैनात था। शरारती तत्वों ने ने जामना के नजदीक जंगलों में आग लगा रखी थी। वनकर्मी कल्याण सिंह आग पर काबू करने का प्रयास कर रहा था। इसी बीच वनकर्मी का पांव फिसल गया, इस कारण पत्थर पर उसका सिर लग गया। हेड इंजरी की वजह से गहरी चोटें आई।
स्थानीय लोगों की मदद से वनकर्मी को आनन-फानन में उत्तराखंड के निजी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वो उपचार से पहले ही जिंदगी की जंग हार चुका था। बाद में वनकर्मी के शव को पांवटा साहिब अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए लाया गया। विभाग के अधिकारी ने बताया कि जंगल में लगी आग को बुझाने के दौरान हादसा हुआ था। पांव फिसलने के बाद सिर में चोट लगी, इस कारण वनकर्मी की मौत हो गई।
उधर, बताया गया कि वनकर्मी कल्याण सिंह मिलनसार व सतर्कता से ड्यूटी करने वाला कर्मचारी था। वन कर्मी की वजह से कफोटा रेंज में वन माफियाओं में खासा डर भी रहता था। विभाग का कहना है कि कमाने वाले सदस्य की मौत से परिवार को आर्थिक क्षति न हो, लिहाजा वनकर्मी के परिवार के सदस्य को करुणामूलक नौकरी की सिफारिश सरकार से की जाएगी। इसके लिए जल्द ही रिपोर्ट सरकार को भेजेंगे।