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एजेंसियों पर भरोसा कर किया था आंदोलन स्थगित, जांच में क्यों हो रही देरी: कुशाल भारद्वाज

जोगिंद्रनगर।। जोगिंद्रनगर के बहुचर्चित ज्योति मौत मामले में चल रही सुस्त जांच प्रक्रिया और दोषियों को पकड़ने में हो रही देरी के कारण ज्योति के मायके वालों में रोष व्याप्त है। ऐसे में परिजनों ने इंसाफ की लड़ाई आगे बढ़ाने के लिए कुशाल भारद्वाज से मुलाकात की है। बता दें कि कुशाल भारद्वाज ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने सबसे पहले इस मामले में न्याय के लिए आवाज़ उठाई थी।

हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष व जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने ज्योति केस की जांच तेज करने और इस घटनाक्रम की पूरी सच्चाई सामने लाकर सभी असली दोषियों को जल्दी पकड़ने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ज्योति के माता-पिता, सगे-संबंधी व आम लोग बीच-बीच में इस केस के सबंध में उनसे बातचीत करते रहते हैं।

परिजनों ने कुशाल भारद्वाज से मिलने की इच्छा जताई थी ताकि केस की जांच के मामले में हो रही लेटलतीफी को लेकर अगली योजना बनाई जा सके। कल भी इस बारे में परिजनों ने फोन कर उनसे मिलने की इच्छा जताई थी। इसलिए आज सुबह ही कुशाल भारद्वाज ने स्वयं नकेहड़ गाँव का दौरा किया तथा ज्योति के माता-पिता व अन्य सगे सबंधियों के साथ बैठक कर उनको हौंसला दिलाया कि केस की सच्चाई सामने लाने तथा दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए वे संघर्ष जारी रखेंगे।

ज्योति के रिश्तेदारों व गाँववासियों ने साफ कहा कि सभी लोगों को आपके ऊपर पूरा भरोसा है और जैसा आप तय करेंगे वैसे ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बाकी सब नेता लोग तो घटना के एक महीने तक उनके पास पहुंचे तक नहीं और बाद में भी सभी एक दिन मिलने की औपचारिकता पूरी कर फिर से गायब हो गए।

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि इस घटना से मानवता भी शर्मसार हुई है और मुझे भी न केवल जोगिंद्रनगर बल्कि पूरे जिला व प्रदेश भर से फोन आते हैं। लोग यही पूछते हैं कि क्या दोषियों का पता चला या नहीं। वे मुझे इस संघर्ष में पूरा साथ देने का भरोसा भी दिलाते हैं। भराड़ू क्षेत्र में भी यह अपने आप में पहली ऐसी घटना है। इसलिए उस क्षेत्र के समस्त लोग भी इंसाफ की लड़ाई में पूरी तरह से हमारे संघर्ष को समर्थन दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ज्योति की तथाकथित गुमशुदगी के बाद एक महीने तक तो किसी भी राजनेता या सैंकड़ों समाजसेवियों ने इस मुद्दे को उठाने या ज्योति के माता-पिता से मिलकर उनका दर्द बांटने की जहमत नहीं उठाई। लेकिन उनका शव मिलने के बाद सभी नेता लोग मीडिया व सोशल मीडिया की टीमें साथ लाकर सांत्वना प्रकट करने व अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर चलते बने।

उन्होंने कहा कि हमने 26 अगस्त को ही बड़ा प्रदर्शन करते हुए जब मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक व अन्य अधिकारियों को ज्ञापन दिये थे तथा ज्योति मामले की हर कोण से जांच करने और दोषियों को पकड़ने की मांग की थी तो भी आम जनता को छोड़कर किसी अन्य राजनीतिक पार्टी या नेताओं ने हमारा साथ नहीं दिया। जब हमने 14 सितंबर को सामूहिक उपवास व विशाल जलूस का ऐलान किया तो उससे पिछली शाम को ही इस मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंप दिया गया। 14 तारीख को हुए प्रदर्शन में भी किसान सभा और महिला मंडलों से जुड़े हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था।

उन्होंने कहा कि हमें बताया गया था कि 15-20 दिन में फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट आ जाएगी तथा जल्दी ही सभी असली गुनाहगारों को पकड़ लिया जाएगा। इसलिए उन्होंने सरकार व सरकार की एजेंसियों पर भरोसा करते हुए कुछ दिन के लिए आंदोलन स्थगित रखा था। लेकिन घटना को बीते सवा दो महीने हो गए हैं और ज्योति का क्षत-विक्षत शव मिले भी एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन न तो फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट आई है और न ही राज्य सीआईडी इस केस की सच्चाई सामने ला पाई है। इस सबंध में प्रदेश सरकार का सारा तंत्र खामोश है। उन्होंने कहा कि इस केस को हम दबने नहीं देंगे तथा इंसाफ लेकर ही रहेंगे ताकि ऐसे अपराधों की पुनरावृति न हो सके।

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि यदि जल्दी ही केस की पूरी सच्चाई सामने नहीं आई और गुनाहगारों को पकड़ा नहीं गया तो वे फिर से अगली कार्यवाही की घोषणा करेंगे। उन्होंने ज्योति के रिश्तेदारों व गांववालों से कहा कि आप लोग न्याय के लिए संघर्ष की अगुवाई के लिए मुझ पर भरोसा करते हैं इसके लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ, लेकिन संघर्ष के अगले चरण की घोषणा मैं अपनी मर्जी से नहीं बल्कि आप लोगों से सलाह लेकर ही करूंगा। जनता इस संघर्ष के लिए पूरी तरह से तैयार है।

गौरतलब है कि जोगिंद्रनगर के हराबाग की 23 वर्षीय विवाहिता ज्योति 8 अगस्त को अपने ससुराल गड़ूही से लापता हुई थी। उसके बाद एक महीने तक पुलिस ज्योति की तलाश करती रही। 7 सितंबर देर शाम को जंगल में ज्योति की लाश क्षत-विक्षत हालत में मिली थी। लोगों के आक्रोश के बाद मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई है लेकिन अभी तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है।

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