हिमाचल: जीवन बचाने के लिए जद्दोजहद, कंधों पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया

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सिरमौर: सरकार द्वारा भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे किये जाते हैं, मगर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जिंदगी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। ताज़ा मामला हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के संगड़ाह उपमंडल की बढ़ोल पंचायत से सामने आया है। यहां ग्रामीणों ने मंगलवार को एक अनमोल जीवन बचाने के लिए जबरदस्त जद्दोजहद की। ग्रामीणों ने जहां मानवता की एक बड़ी मिसाल पेश की, वहीं, विकास के दावे करने वालों के मुंह पर तमाचे का भी काम किया।

मिली जानकारी के मुताबिक, कुना के बलीराम को मंगलवार सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ गया। कुना गांव से सड़क तक की दूरी करीब साढ़े चार किमी है। सड़क तक पहुंचने के लिए खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। बलीराम की तबीयत जयादा बिगड़ी तो ग्रामीणों ने उसे साढ़े चार किमी की खड़ी चढाई में पीठ पर उठा कर सड़क तक पहुंचाया।

जीवन बचाने की कोशिश में ग्रामीणों को मरीज को सड़क तक पहुंचाने में करीब 2 घंटे से अधिक का समय लग गया। मरीज को उठाने वाले लगभग दर्जनभर लोगों के पसीने तक छूट गए।

बता दें कि कुछ अरसा पहले हरिपुरधार इलाके में ही ग्रामीणों ने घायल गाय को कंधो पर उठाकर घर पहुंचा कर शानदार मिसाल कायम की थी, हालंकि बाद में गाय ने दम तोड़ दिया था।     

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, गांव में जब भी कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो उसे चारपाई व पीठ पर उठा कर ही सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। गंभीर रुप से बीमार कई मरीज तो सड़क तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। सरकारें ग्रामीण क्षेत्रो में सड़कों के जाल बिछाने के दावे करते नहीं थकती हैं, वही सिरमौर जिले की बढ़ोल पंचायत का अति दुर्गम कुना गांव आज भी सड़क से वंचित है।

इस गांव के लिए हलांकि सड़क तो बन रही है, मगर निर्माण कार्य धीमी गति से होने के कारण लोगो में सरकार व लोक निर्माण विभाग के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। गांव निवासी नरेश शर्मा बतातें है कि नवंवर 2016 मे सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। मगर 5 वर्ष बीत जाने के बाद ही निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है।    

शर्मा ने बताया कि गांव तक सड़क बनकर तैयार हो गई थी। मगर सड़क ठेकेदार ने बीच में निर्माण कार्य बंद कर दिया था, इस कारण सड़क पर कई स्थानों पर भारी भूस्खलन होने के कारण बंद हो गई है। भूस्खलन को रोकने के लिए सड़के के आगे व पीछे कई डंगे लगाए जाने हैं, मगर ठेकेदार द्वारा पिछले एक वर्ष के दौरान मात्र एक ही डंगे का निर्माण किया गया है।

शर्मा ने बताया कि सड़क को लेकर उन्होने एक माह पहले आरटीआई से जानकारी मांगी थी। इसके बाद विभाग ने सड़क पर मलबा साफ करने के लिए जेसीबी मशीन तो भेज दी है। मगर डंगों के निर्माण का कार्य अभी तक नहीं शुरू हो पाया है।

उधर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संगड़ाह आरके शर्मा ने बताया कि सड़क से मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनों को भेज दिया गया है। ठेकेदार को डंगे लगाने के भी सख्त आदेश दे दिए गए हैं।

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