कांगड़ा: वैसे तो सरकार ने गरीबों के हित के लिए कई योजनाएं चलाई हैं पर कुछ ही उसका लाभ ले पाते हैं और कुछ दिव्यांग और गरीबों तक योजनाओं के सपने भी नही पहुंचते। ज्वालामुखी के साथ लगती गुम्मर पंचायत में एक ऐसा परिवार है जो बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा कर रहा है और परिवार के 3 सदस्य दिव्यांग हैं जोकि न तो बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं, ऐसे में परिवार के एक लड़के पर जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ गया है और वह मदद की गुहार के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
गुम्मर के अनिक जोकि पूर्णतया स्वस्थ हैं जबकि उनके परिवार में माता वीना देवी, पिता अमन व भाई आयुष दिव्यांग हैं, ऐसे में अकेले अनिक पर परिवार का भरण-पोषण का बोझ है।
फोरलेन की जद में आया मकान
पिता गुम्मर में ही एक छोटी-सी रेहड़ी समोसे की लगाते हैं जबकि अनिक प्राइवेट बसों में कभी कभार कंडक्टरी कर थोडा बहुत कमा लेता है परंतु भाई कोई भी कार्य नहीं करता। परिवार के पास रहने के लिए एक छोटा-सा कमरा और मात्र खड़े होने की जगह में रसोई है। अब अनिक को और भी डर इसलिए सता रहा है क्योंकि उसका मकान भी अब फोरलेन की जद में आ रहा है और परिवार के पास सिर छुपाने के लिए और कोई जमीन भी नहीं है, ऐसे में अनिक अपने परिवार को लेकर कहां जाए और कैसे उनका भरण-पोषण करे।
परिवार बीपीएल में, आजतक नहीं मिला किसी भी योजना का लाभ
अनिक ने बताया कि परिवार बीपीएल में है परंतु आजतक किसी भी योजना का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए पैसा स्वीकृत हुआ है लेकिन मिलकियत भूमि न होने के कारण उन्हें कोई पैसा नहीं मिल रहा। अनिक एसडीएम, बीडीओ, पंचायत प्रधान से भी कई बार मिल चुका है पर कोई हल नहीं निकला। अब अनिक ने अपने परिवार के लिए डीसी कांगड़ा से गुहार लगाई है कि उसकी मदद की जाए और डीसी भूमि से उन्हें कुछ भूमि दी जाए और स्वीकृत पैसा भी उन्हें मिले ताकि परिवार के लिए घर बना सके।
पैसों के अभाव में डिप्लोमा नहीं ले पाया अनिक
अनिक बताता है कि उसने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और ड्राफ्ट्समैन का डिप्लोमा किया है लेकिन पैसों के अभाव में वह अपना डिप्लोमा नहीं पा सका। घर की दयनीय हालत होने के कारण घर की छत गिरने वाली थी, ऐसे में थोड़े पैसे बचाकर छत को अस्थाई रूप से पक्का किया है। अनिक ने सरकार व डीसी कांगड़ा से गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द भूमि दी जाए और सरकार परिवार में दिव्यांग होने के कारण किसी एक को नौकरी मुहैया करवाए ताकि उनका गुजर-बसर भी चल सके।का