हिमाचल: क्लस्टर यूनिवर्सिटी मंडी बनेगी प्रदेश की दूसरी स्टेट यूनिवर्सिटी

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मंडी: उपचुनाव में मिली हार के बाद जयराम सरकार ने मंडी जिला को बड़ा तोहफा दे दिया है। क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी को हिमाचल प्रदेश का दूसरा राज्य विश्वविद्यालय बनाने का फैसला लिया गया है। प्रदेश के पांच से छह जिलों के कॉलेजों की इस नए राज्य विश्वविद्यालय से संबद्धता होगी। मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव रामसुभग सिंह की अध्यक्षता में राज्य विश्वविद्यालय की रूपरेखा तैयार करने के लिए कमेटी का गठन करने को मंजूरी दी।

सरकार के इस फैसले से शिमला विश्वविद्यालय का बोझ कम होगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्ध सरकारी और निजी कॉलेजों की संख्या 400 से अधिक हो गई है। मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी में अब क्लस्टर विश्वविद्यालय को अपग्रेड कर राज्य विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। मंत्रिमंडल ने राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करने की रूपरेखा तय करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला और क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी के कुलपतियों तथा शिक्षा सचिव को सदस्य के रूप में शामिल किया है।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मंडी क्लस्टर विश्वविद्यालय में मंडी जिला सहित बिलासपुर, कुल्लू, कांगड़ा, लाहौल स्पीति के कॉलेजों को शामिल किया जा सकता है। हिमाचल विश्वविद्यालय के बोझ को कम करने और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान में क्लस्टर विश्वविद्यालय खोलने को मंजूरी दी है। वर्ष 2014 में मंडी में क्लस्टर विवि खोलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था।

शिमला आने-जाने से मिलेगी निजात

प्रदेश के गठन के बाद से केवल शिमला में ही राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी नहीं हैं कि प्रदेश के सारे विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के लिए शिमला पहुंच सकें। ऐसे में प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले कई विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। पीजी कक्षाओं में सीटें सीमित होने के कारण भी कई विद्यार्थी शिमला में दाखिला नहीं ले पाते हैं। इस कारण मजबूरी में निजी विश्वविद्यालयों में भारी भरकम फीस देकर दाखिला लेना पड़ता है। 

मंडी कॉलेज को बनाया है लीड कॉलेज

केंद्र सरकार ने मंडी कॉलेज को क्लस्टर विश्वविद्यालय का लीड कॉलेज बनाया है। इसमें द्रंग कॉलेज, बासा कॉलेज और सुंदरनगर कॉलेज को शामिल किया गया है। क्लस्टर विवि के पास अभी अन्य कॉलेजों से संबद्धता देने की शक्तियां नहीं हैं। इसके चलते ही सरकार ने इस विवि को अब अपग्रेड कर राज्य विश्वविद्यालय बनाने का फैसला लिया गया है।

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