शिमला: हिमाचल प्रदेश का कर्ज और अधिक बढ़ने जा रहा है। हिमाचल सरकार 1000 करोड़ का नया कर्ज लेने जा रही है। इस कर्ज को वर्ष 2031 और 2033 तक चुकता किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने 500-500 करोड़ रुपये की दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना द्वारा इसकी अधिसूचनाएं जारी की गई हैं।
यह ऋण हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों के नाम पर लिया जा रहा है हालांकि इसे कर्मचारियों को नया वेतनमान देने पर खर्चा जाना है। मुख्यमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि नया वेतनमान देने के लिए सरकार पर 4,000 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ेगा।
इबता दें कि इससे पहले 26 अगस्त 2021 में भी सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की अधिसूचनाएं जारी की थीं। उसके बाद 18 नवंबर 2021 को 2,000 करोड़ रुपये के कर्ज की 500-500 करोड़ रुपये की चार अधिसूचनाएं हुई थीं। यानी चार महीने में 4,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की अधिसूचनाएं जारी हुई हैं। अब प्रदेश सरकार पर 65,000 करोड़ से ज्यादा कर्ज चढ़ गया है।
यह विशेष है कि राज्य सरकार ने एक जनवरी से कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान जारी करने की घोषणा की है, लेकिन सरकार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। कोविड काल में तो सरकार और भी आर्थिक तंगहाली से गुजर रही है। पंजाब सरकार के बाद छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतनमान देना हिमाचल सरकार की बाध्यता रही है।